नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि विधानसभा का लक्ष्य 100 दिनों में 500 केवीए क्षमता के सौर ऊर्जा के पैनल स्थापित करना है, जिससे मासिक बिजली बिल में 15 लाख रुपये की बचत होगी।
बजट सत्र के समापन के एक दिन बाद संवाददाता सम्मेलन में गुप्ता ने कहा कि विधानसभा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देगी, ताकि लोगों को इसे अपनाने का संदेश दिया जा सके और बिजली खपत पर शून्य बिल सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) परियोजना के तहत मानसून सत्र से पहले विधानसभा के कागज रहित होने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि एक मीडिया डेस्क स्थापित किया जाएगा, जिसमें 25 कंप्यूटर, एक इंटरनेट कनेक्शन और प्रिंटर से सुसज्जित किया जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में नयी सरकार के गठन के 40 दिनों में दो सत्र आयोजित हुए और ये उचित ढंग से संपन्न हुए।
यहां सात दिवसीय बजट सत्र में रिकॉर्ड 27.56 घंटे तक काम हुआ।
गुप्ता ने बताया कि 25 मार्च को पेश बजट पर 36 सदस्यों ने 7 घंटे13 मिनट तक चर्चा की, जिसमें विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य भी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि सत्र में विपक्ष की ओर से एकमात्र ध्यानाकर्षण प्रस्ताव स्वीकार किया गया।
यह प्रस्ताव बिजली कटौती पर चर्चा के लिए पेश किया गया था।
अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हालांकि, यह हैरान करने की बात है कि विधानसभा परिसर में होने के बावजूद वे अपने प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल नहीं हुए। मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि वे चर्चा में शामिल क्यों नहीं हुए जबकि वे झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें बिजली कटौती के मुद्दे पर बोलने से रोका गया।’’
उन्होंने कहा कि विपक्ष को अगले सत्र में इस बारे में जवाब देना होगा।
गुप्ता ने कहा कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा ‘राजनीति से प्रेरित’ व्यवधानों से ‘सख्ती से’ निपटा गया और यह अंतिम विकल्प था।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पहली बार सत्र का एक दिन निजी सदस्यों के प्रस्तावों के लिए तय किया गया और विशेष उल्लेख नियम के तहत रिकॉर्ड 78 मामले उठाए गए।
उन्होंने कहा कि सत्र में नियम 107 के तहत प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसके तहत पिछली विधानसभा की समितियों द्वारा उठाए गए 300 से अधिक मामलों का निपटारा किया गया।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में पहली बार हिंदू नववर्ष मनाया जाना एक और उपलब्धि है।
भाषा यासिर नरेश
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