दिल्ली हवाई अड्डा हादसा : मृतक के परिवार ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की |

दिल्ली हवाई अड्डा हादसा : मृतक के परिवार ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की

दिल्ली हवाई अड्डा हादसा : मृतक के परिवार ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की

:   Modified Date:  June 28, 2024 / 10:36 PM IST, Published Date : June 28, 2024/10:36 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) रवींद्र कुमार रात की पाली की ड्यूटी खत्म कर शुक्रवार सुबह सो रहे थे कि इस दौरान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस थाने से आए फोन कॉल ने उनकी जिंदगी में भूचाल ला दिया।

रवींद्र ने ‘पीटीआई-भाषा’को बताया, ‘‘मैं सो रहा था जब मुझे पुलिस थाने से फोन कॉल आया और मुझे तुरंत दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 पर आने को कहा गया। मुझे और मेरे परिवार के लोगों को कुछ भी पता नहीं था। जब मैं वहां पहुंचा तो पता चला कि टर्मिनल की छत का एक हिस्सा मेरे पिता की कार पर गिरने से उनकी मौत हो गई है।’’

कैब चालक रमेश कुमार सुबह-सुबह टर्मिनल-1 पर यात्रियों का इंतजार कर रहे थे तभी राष्ट्रीय राजधानी में तीन घंटे से जारी भारी बारिश के बीच प्रस्थान क्षेत्र की छत का एक हिस्सा खड़ी कारों पर गिर गया।

रमेश के परिवार ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

रवींद्र ने सवाल किया, ‘‘हवाईअड्डा के अधिकारियों ने मानसून से पहले जांच क्यों नहीं की?’’उन्होंने कहा, ‘‘ हम निश्चित रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे और न्याय के लिए लड़ेंगे। पुलिस को मामले की उचित जांच करनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए।’’

रवींद्र ने कहा, ‘‘वह अपनी ड्यूटी समाप्त करने वाला थे और कुछ यात्रियों का इंतजार कर रहे थे जो रोहिणी की ओर जाने वाले थे। यह हमारे घर के नजदीक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सुबह 8 बजे से ही मुझे हवाई अड्डे पर बने पुलिस थाने में बैठने को कहा गया और अब हम सफदरजंग अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए इंतजार कर रहे हैं। हमें पता चला कि अस्पताल पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को शव सौंपेगा।’’

गमगीन रवींद्र ने कहा, ‘‘मैंने अपने पिता को खो दिया और अब हमें इन औपचारिकताओं से भी निपटना होगा।’’

रमेश के परिवार में उनकी पत्नी आशा, दो बेटे, रवींद्र (25) और आशीष (22), और दो बेटियां राशि (21) और भावना (18) हैं। परिवार रोहिणी सेक्टर-7 के पास विजय विहार इलाके में एक किराए के मकान में रहता है और आशा घरेलू सहायिका का काम करती है।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

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