नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है और चीन के मुद्दे पर संसद में रक्षा मंत्री बोल रहे हैं। भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी तनाव के बीच लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने है। संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी पर शांति रखते हुए चीन के साथ वार्ता जारी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद काफी जटिल मुद्दा है। एलएसी पर दोनों देशों की अलग-अलग राय है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेनाओं ने मई-जून में चीन के सीमा बदलने के प्रयास का मुंहतोड़ जवाब दिया।
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उन्होने कहा कि हमारी सेना ने चीन की इस मंशा को पहले ही भांप लिया था। चीन की तरफ से इस मुद्दे पर गंभीरता की साथ डील किया जाना चाहिए। चीन ने गलवान के बाद पैंगोग में भी सीमा को बदलने का प्रयास किया था, लेकिन हमारी सेना ने इस प्रयास को भी विफल कर दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेना डटकर स्थिति का मुकाबला कर रही है। राजनाथ ने कहा कि कोविड-19 के संकटकालीन समय में आईटीबीपी बहादुरी से डटी हुई है।
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रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में विकास के लिए अधिक पैसा आवंटित किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए विवाद का हल चाहता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं 4 सितंबर को चीन के प्रतिनिधियों से मिला था और हमने भारतीय पक्ष को मजबूती के साथ रखा। इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने भी वार्ता में हिस्सा लिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि बीते समय में चीन के साथ सीमा विवाद रहा है, लेकिन इस बार विवाद की स्थिति अलग है। राजनाथ ने कहा कि हम सभी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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