नईदिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जब भी देश में व्यापक सुधार हुए हैं उनका असर दिखने में थोड़ा समय लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार की शुरुआत की है, मैं किसान भाईयों से अपील करता हूं कि कम से कम डेढ़-दो साल इन कृषि सुधारों के असर को देख लीजिए। ये दुष्प्रचार किया गया कि किसानों की जमीन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से छीन ली जाएगी, कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता है। ये मुकम्मल व्यवस्था कृषि कानूनों में की गई है।
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<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> जब भी देश में व्यापक सुधार हुए हैं उनका असर दिखने में थोड़ा समय लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार की शुरुआत की है, मैं किसान भाईयों से अपील करता हूं कि कम से कम डेढ़-दो साल इन कृषि सुधारों के असर को देख लीजिए: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह <a href=”https://twitter.com/hashtag/farmlaws?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#farmlaws</a> <a href=”https://t.co/cpKX4sSMqG”>pic.twitter.com/cpKX4sSMqG</a></p>— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1343130115706740736?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 27, 2020</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
रक्षामंत्री ने यह बात हिमाचल प्रदेश सरकार के तीन साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में कही है। उन्होंने कहा कि MSP खत्म करने का इरादा इस सरकार का ना तो कभी था, ना है और ना रहेगा। मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी। कोई भी माँ का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता। ऐतिहासिक कृषि सुधार से उन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई है जो लोग किसानों के नाम पर अपने निहित स्वार्थ साधते थे। उनका धंधा खत्म हो जायेगा इसलिए जानबूझ कर देश के कुछ हिस्सों में एक गलतफहमी पैदा की जा रही है कि हमारी सरकार MSP की व्यवस्था खत्म करना चाहती है।
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जब केंद्र में मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार आई तो हमने यह सोच बदली। हम सभी राज्यों को बराबरी की नज़र से देखते हैं। हमने हिमाचल को उसके आकार के हिसाब से नहीं, बल्कि उसके आर्थिक और सामरिक महत्व के हिसाब से देखना प्रारंभ किया। पहले क्या होता था कि हिमाचल प्रदेश, कम आबादी वाला एक छोटा पहाड़ी राज्य है इसलिए वहां संसाधनों की कोई खास जरूरत नहीं है। इस सोच के कारण केंद्र से हिमाचल को दी जाने वाली धनराशि काफी कम होती थी।
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