नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वन रैंक वन पेंशन, ओआरओपी फॉर्मूले के तहत सेवानिवृत्त सैनिकों की पेंशन के बराबरी का फैसला लिया है। पेंशन के अगले संशोधन में काम करने के लिए एक समिति बनाई है। इसमें दूसरे हितधारकों के अलावा सभी तीन सशस्त्र बलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
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बता दे कि समिति को महज एक महीने में अपनी रिपोर्ट देने के लिए निर्देश दिए गए हैं कहा गया है। लिहाजा 25 लाख सेवानिवृत्त सैनिकों की पेंशन अधर में लटकी हुई थी. सैनिकों के लिए ओआरओपी 1 जुलाई 2014 से लागू किया गया था, जिसमें एक अधिसूचना में कहा गया था कि पेंशन 5 साल के बाद 1 जुलाई 2019 से बराबर हो जाएगी।
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वहीं रिटार्यड सैनिकों के मुताबिक सातवें सीपीसी के तहत पेंशन में वृद्धि ओआरओपी के तहत पेंशन के बराबरी नहीं है. ओआरओपी के तहत पेंशन बराबर है और संशोधित नहीं है। गौरतलब है कि तीनों सेवाओं और नागरिकों का वेतन 1,19,559 करोड़ रुपये है और अब यह 4,31,011 करोड़ रुपये के बजट का 37 प्रतिशत है।
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