नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) रक्षा रणनीतिकारों ने शुक्रवार को युद्ध के उभरते क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन करने के लिए दो काल्पनिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच अंतरिक्ष युद्ध अभ्यास का अनुकरण किया।
‘इंडस्पेसएक्स 3.0’ युद्धाभ्यास का आयोजन ‘डेफसैट सम्मेलन 2025’ के तहत किया गया जिसमें रक्षा और अंतरिक्ष उद्योग के विशेषज्ञ एक मंच पर आए, ताकि इस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशी जा सकें।
डेफसैट के आयोजकों की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्रालय में प्रधान सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल वी जी खंडारे (सेवानिवृत्त) ने रणनीतिक ‘टेबल-टॉप’ अभ्यास की अध्यक्षता की।
सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन-इंडिया के महानिदेशक अनिल प्रकाश ने कहा कि भारत वैश्विक नियामक परिदृश्यों को अपनाकर और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर रक्षा एवं अंतरिक्ष विनिर्माण में एक महाशक्ति के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है।
इस अवसर पर जारी की गई ‘भारत-अफ्रीका अंतरिक्ष सहयोग: विकास के लिए रणनीतिक अवसरों का द्वार खोलना’ नामक रिपोर्ट में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति और अफ्रीका की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं पर प्रकाश डाला गया।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि उपग्रह प्रौद्योगिकी, पृथ्वी अवलोकन और क्षमता निर्माण में सहयोगात्मक प्रयास किस प्रकार जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और कनेक्टिविटी जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं।
भाषा नेत्रपाल माधव
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