तमिलनाडु में जहरीली शराब से जान गंवाने वालों की संख्या 58 हुई, राजनीतिक घमासान तेज |

तमिलनाडु में जहरीली शराब से जान गंवाने वालों की संख्या 58 हुई, राजनीतिक घमासान तेज

तमिलनाडु में जहरीली शराब से जान गंवाने वालों की संख्या 58 हुई, राजनीतिक घमासान तेज

:   Modified Date:  June 24, 2024 / 10:51 PM IST, Published Date : June 24, 2024/10:51 pm IST

चेन्नई/नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या 58 होने के साथ इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गयी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इस घटना को लेकर उसकी ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाया है।

तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाली सरकार है। भाजपा की प्रदेश इकाई ने मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के लिए राज्य के राज्यपाल से अनुरोध किया। वहीं, के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।

सत्तारूढ़ द्रमुक ने अन्नाद्रमुक और भाजपा पर पलटवार करते हुए उन पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और उसके नेताओं को अवैध शराब की बिक्री से गलत तरीके से जोड़ने का आरोप लगाया।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने कहा कि कल्लाकुरिची के करुणापुरम इलाके में हुई दुखद घटना के करीब एक सप्ताह बाद अवैध शराब पीने से अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है।

सुब्रमण्यम ने चेन्नई में संवाददाताओं को बताया कि अब तक 219 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से 58 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें तीन महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर तमिलनाडु में जहरीली शराब से हुई त्रासदी पर उनकी पार्टी की ‘उदासीन चुप्पी’ को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘कुछ मुद्दों पर हमें पार्टी लाइन से ऊपर उठने की आवश्यकता है और एससी, एसटी समुदाय का कल्याण और सुरक्षा भी एक ऐसा ही मुद्दा है।’’

नड्डा ने पत्र में कहा कि तमिलनाडु जहरीली शराब त्रासदी ‘पूरी तरह से मानव जनित आपदा’ है और द्रमुक के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार और अवैध शराब माफियाओं के बीच साठगांठ ऐसी घटनाओं की वजह है।

नड्डा ने कहा कि तमिलनाडु में जहरीली शराब त्रासदी के बाद कल्लाकुरिची के करुणापुरम गांव में जलती चिताओं की भयावह तस्वीरों ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘खरगे जी, जैसा कि आप जानते हैं कि करुणापुरम में अनुसूचित जाति की आबादी काफी अधिक है, जो तमिलनाडु में गरीबी और भेदभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना करते हैं। मैं हैरान हूं कि जब इतनी बड़ी आपदा आई है तो आपके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने इस पर चुप्पी साध रखी है।’’

नड्डा ने खरगे से कहा कि वह तमिलनाडु की द्रमुक नीत सरकार पर सीबीआई जांच कराने और राज्य के आबकारी मंत्री एस मुथुसामी को उनके पद से तत्काल हटाने का अनुरोध करें।

भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आर.एन. रवि से भेंटकर उनसे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने मंत्री एस. मुथुसामी को इस प्रकरण के लिए ‘जिम्मेदार’ ठहराते हुए रवि से मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने का निर्देश देने की भी अपील की।

कल्लाकुरिची में, अन्नाद्रमुक प्रमुख और विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने जहरीली शराब त्रासदी को लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।

पार्टी ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि अवैध शराब त्रासदी पर स्पष्टीकरण देना तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन का दायित्व है तथा मुख्यमंत्री के लिए इस पर जवाब देने का ‘वक्त शीघ्र आएगा।’

द्रमुक ने आरोप लगाया कि अन्नाद्रमुक और भाजपा राजनीतिक लाभ पाने के लिए कल्लाकुरिची में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामला का ‘राजनीतिकरण’ करने की कोशिश कर रही हैं।

द्रमुक संगठन सचिव आर एस भारती ने जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मुद्दे पर राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों को गिनाते हुए कहा कि उनकी पार्टी मामले से जुड़े तथ्यों और सरकार की कड़ी कार्रवाई के साथ लोगों के बीच जाएगी और अन्नाद्रमुक व भाजपा के दुष्प्रचार की निंदा करेगी।

सीबीआई जांच की मांग पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने गुटखा मामले और 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले कंटेनर से 570 करोड़ रुपये की जब्ती समेत कई मामलों में त्वरित कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि हालांकि, राज्य पुलिस (सीबी-सीआईडी) ने जहरीली शराब त्रासदी पर तत्काल कार्रवाई की है।

उन्होंने सवाल किया कि क्या सीबीआई ने भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इसी तरह के मामलों की जांच की है?

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)