‘नबान्न कूच’ के दौरान घायल हुए डीवाईएफआई कार्यकर्ता की मौत, आरोप-प्रत्यारोप शुरू | DEATH OF DYFI WORKER WHO WAS INJURED DURING 'NABAN COOCH'

‘नबान्न कूच’ के दौरान घायल हुए डीवाईएफआई कार्यकर्ता की मौत, आरोप-प्रत्यारोप शुरू

‘नबान्न कूच’ के दौरान घायल हुए डीवाईएफआई कार्यकर्ता की मौत, आरोप-प्रत्यारोप शुरू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : February 15, 2021/6:45 am IST

कोलकाता, 15 फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल में 11 फरवरी को वाम मोर्चे द्वारा राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ की ओर कूच करने के दौरान पुलिस के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए डीवाईएफआई के एक कार्यकर्ता की सोमवार सुबह मौत हो गयी। इससे राज्य में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

माकपा ने युवा कार्यकर्ता की मौत के लिए तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे ‘‘हत्या’’ करार दिया है। वहीं, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने इसे ‘‘आत्महत्या’’ बताया है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बांकुड़ा जिले के कोतुलपुर के निवासी मैदूल इस्लाम मिद्दा का दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उन्होंने बताया कि मिद्दा की हालत लगातार बिगड़ रही थी और सुबह अत्यधिक रक्तस्राव से उसकी मौत हो गई।

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शेक्सपीयर सरनी पुलिस थाने में मिद्दा की मौत के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम हर पहलू को ध्यान में रखकर मामले की जांच कर रहे हैं। शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।’’

इस बीच, माकपा ने मिद्दा की मौत के लिए तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

माकपा के नेता सुजान चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह हत्या का मामला है। मार्च के दौरान जिस तरह से छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया, यह दर्शाता है कि तृणमूल सरकार डरी हुई है और चिंतित है।’’

भाजपा के प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष ने भी मिद्दा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए तृणमूल सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह दर्शाता है कि तृणमूल कांग्रेस ने सभी चीजों पर नियंत्रण खो दिया है। पश्चिम बंगाल में जो कुछ भी हो रहा है वह सही नहीं है।’’

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पंचायती मामलों के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘‘कोई भी मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन उस दिन पुलिस ने बहुत समझदारी से कार्रवाई की। मुझे लगता है कि यह आत्महत्या का मामला है।’’

गौरतलब है कि मार्च के दौरान छात्रों तथा वाम दलों की युवा शाखा से जुड़े कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान छात्र घायल हुए और पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयीं।

पुलिस ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें भी की थीं।

इसके बाद, वाम मोर्चे ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ 12 फरवरी को 12 घंटे का बंद बुलाया गया था।

भाषा निहारिका सुरभि

सुरभि

 

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