‘दरबार मूव’ प्रथा को बहाल किया जाएगा, जम्मू की विशिष्टता को कम नहीं होने दिया जायेगा: अब्दुल्ला |

‘दरबार मूव’ प्रथा को बहाल किया जाएगा, जम्मू की विशिष्टता को कम नहीं होने दिया जायेगा: अब्दुल्ला

‘दरबार मूव’ प्रथा को बहाल किया जाएगा, जम्मू की विशिष्टता को कम नहीं होने दिया जायेगा: अब्दुल्ला

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Modified Date: December 11, 2024 / 05:13 PM IST
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Published Date: December 11, 2024 5:13 pm IST

जम्मू, 11 दिसंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि जम्मू की विशिष्टता को कम नहीं होने दिया जाएगा तथा उनकी सरकार ‘दरबार मूव’ की प्रथा को बहाल करेगी।

‘दरबार मूव’ एक पुरानी प्रथा है जिसके तहत सिविल सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यालयों क्रमशः गर्मियों और सर्दियों के दौरान श्रीनगर और जम्मू में छह-छह महीने काम होता था।

लगभग 150 साल पहले डोगरा शासकों द्वारा शुरू की गई इस प्रथा पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जून, 2021 में रोक लगा दी थी। इस प्रथा पर रोक लगाये जाने के लिए प्रशासन के ई-कार्यालय में पूर्ण बदलाव का हवाला दिया गया था, जिससे प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

इस निर्णय की हालांकि जम्मू के व्यापारिक समुदाय और राजनीतिज्ञों समेत विभिन्न वर्गों द्वारा तीखी आलोचना की गई थी।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘दरबार मूव एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान इसे क्यों नहीं उठाया गया। चुनाव परिणाम के बाद ही इस मुद्दे ने जोर पकड़ा, हालांकि हमने अपने घोषणापत्र और बैठकों में इसका जिक्र किया था।’’

यहां अपने आधिकारिक आवास पर नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम आपको आश्वासन देते हैं कि ‘दरबार मूव’ प्रथा को बहाल किया जाएगा। जम्मू का अपना महत्व है और हम इसकी विशिष्टता को कम नहीं होने देंगे।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार अपने फैसले खुद लेती है जिसका असर जनता पर पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी निर्णय के बाद, चाहे उसका प्रभाव सही हो या गलत, फीडबैक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है…। कभी-कभी सरकारी तंत्र के भीतर सही फीडबैक प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ज्यादातर आप ऐसे लोगों से घिरे होते हैं जो केवल आपकी प्रशंसा करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए जब नागरिक संस्थाओं की इस तरह की बैठक होती है, तो ज्यादातर प्रतिभागी बिना किसी एजेंडे के आते हैं और अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव देते हैं जो फायदेमंद साबित होते हैं।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य सुझाव प्राप्त करना था ताकि उनका क्रियान्वयन किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी बैठकें वर्ष में दो बार जम्मू और श्रीनगर में आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इनमें से एक बैठक गर्मियों में और दूसरी सर्दियों में आयोजित की जायेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘बैठक के दौरान कई मुद्दे सामने आए। जैसा कि मैंने बैठक में कहा कि उठाए गए सभी मुद्दों को नोट कर लिया गया है और हम अगली बैठक में प्रतिभागियों को कार्यवाही रिपोर्ट के बारे में सूचित करेंगे।’’

भाषा

देवेंद्र प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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