चंडीगढ़, 12 जनवरी (भाषा) अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को कई धर्म गुरूओं और संतों को पत्र लिखकर उनसे केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया।
किसानों की मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी भी शामिल है।
इस बीच, किसान नेताओं ने कहा कि डल्लेवाल की हालत बिगड़ रही है। उनका आमरण अनशन रविवार को 48वें दिन भी जारी रहा।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा पर अनशन पर बैठे हुए हैं।
डल्लेवाल, जो भारती किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के भी प्रमुख हैं, ने अभी तक कोई भी चिकित्सा सहायता नहीं ली है।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने डल्लेवाल द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र कई धर्म गुरुओं और संतों को भेजा है।
पत्र में बताया गया कि किसान पिछले 11 महीनों से अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में खनौरी और शंभू सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि उनके प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में एक किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए थे।
पत्र में यह भी बताया गया है कि एक संसदीय समिति ने हाल ही में एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की सिफारिश की है और कहा है कि इससे ‘‘किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और देश को बहुत लाभ होगा।’’
किसानों ने कहा कि पिछले 48 दिनों में प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को पत्र लिखे गए, लेकिन किसी ने भी हमारे पत्र पर ध्यान नहीं दिया और न ही इसका जवाब दिया।
पत्र में कहा गया है, ‘‘इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी कोई सरकार सही रास्ते से भटकी है, तो संतों और धर्म गुरुओं ने उसे सही रास्ते पर लाने का काम किया है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप वर्तमान सरकार से किसानों से किये गए वादों को पूरा करने के लिए कहें ताकि किसानों को उनके अधिकार मिल सके और किसानों की आत्महत्याएं रोकी जा सके।’’
इस बीच, कोहाड़ ने कहा कि हरियाणा के हिसार से किसानों के एक समूह ने डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी प्रदर्शन स्थल का दौरा किया।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली कूच को रोक दिया था।
भाषा सुभाष नरेश
नरेश
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