नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई पर बुधवार को यह कहते हुए रोक लगा दी कि केंद्र सरकार पर फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को मानने का दबाव बनाने के वास्ते भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अपना अनशन तोड़े बिना चिकित्सा सहायता ले रहे हैं।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात की और 14 फरवरी को चंडीगढ़ में एक और बैठक निर्धारित की गई है।
पीठ ने इसे एक “सकारात्मक घटनाक्रम” करार देते हुए कहा कि डल्लेवाल जिनके स्वास्थ्य की स्थिति लगभग 50 दिनों के अनशन के कारण बिगड़ गई थी, की हालत में अब सुधार हो रहा है और वह चंडीगढ़ में प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे।
पीठ ने कहा, “कई सकारात्मक घटनाक्रम हुए हैं। भारत सरकार ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा, जिसने डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से मुलाकात की। ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पक्ष 14 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में बातचीत के जरिये मुद्दे को हल करने पर सहमत हुए हैं।”
उसने कहा कि डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता स्वीकार कर ली है, उनकी हालत में सुधार हुआ है और उन्हें खनौरी सीमा पर प्रदर्शन स्थल से 50 मीटर की दूरी पर स्थापित अस्थाई अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है।
पीठ ने कहा, “डल्लेवाल 14 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार और अन्य प्राधिकारियों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए गठित प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने को भी तैयार हैं। हम डल्लेवाल से कहना चाहेंगे कि वह बैठक से कुछ दिन पहले चंडीगढ़ जा सकते हैं, पीजीआई में उचित चिकित्सा जांच करा सकते हैं और अपनी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक चिकित्सा सहायता ले सकते हैं। हमें यह भी बताया गया है कि कुछ अन्य किसान नेताओं ने भी अपना अनशन तोड़ दिया है और बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए हैं…।”
शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी हितधारक निर्णय लेने और भावी कार्रवाई की रणनीति निर्धारित करने में सक्षम होंगे, जो किसान समुदाय सहित राष्ट्रीय हित में है।
उसने कहा, “हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर अवमानना कार्यवाही को स्थगित किया जाता है और अधिकारियों के लिए पेशी की अनिवार्यता समाप्त की जाती है। हमें बताया गया है कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने डल्लेवाल से भी मुलाकात की और साझा अनुरोध पर इस मामले पर फरवरी के अंत में सुनवाई के लिए सहमति जताई।”
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने पीठ को सूचित किया कि अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डल्लेवाल और अन्य प्रदर्शनकारी किसानों ने 18 जनवरी को केंद्र सरकार के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद चिकित्सा सहायता स्वीकार कर ली।
सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने डल्लेवाल और अन्य प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने पहुंचे उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अपना प्रतिनिधि भी भेजा।
उन्होंने कहा, “प्रतिनिधिमंडल ने डल्लेवाल और अन्य किसानों से मुलाकात की। दो सकारात्मक घटनाक्रम हुए। पहला-हमें आश्वासन दिया गया है कि 14 फरवरी को शाम करीब पांच बजे महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट, चंडीगढ़ में बातचीत की जाएगी। दूसरा-किसान बैठक में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं।”
सिंह ने बताया कि डल्लेवाल के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे लगभग 100 किसानों ने अपना अनशन खत्म कर दिया और चिकित्सा सहायता स्वीकार कर ली।
उन्होंने पीठ को सूचित किया, “हालांकि, डल्लेवाल ने अपना अनशन समाप्त किए बिना चिकित्सा सहायता ली है। सौभाग्य से, कुछ दिनों के भीतर ही उनके शरीर में कीटोन का स्तर घटा है। उनकी हालत में बहुत तेजी से सुधार हो रहा है।”
सिब्बल ने निर्धारित बैठक के मद्देनजर पीठ से इस मामले पर सुनवाई कुछ समय के लिए टालने का अनुरोध किया।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने सिब्बल से कहा, “वह (डल्लेवाल) किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं और उनके पास इस संबंध में अच्छे उपाय हैं कि मामलों का समाधान कैसे किया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे।”
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी। उन्होंने पंजाब सरकार की ओर से दी जाने वाली चिकित्सा सहायता को लेने से इनकार कर दिया था और हाल ही में उनकी स्वास्थ्य स्थिति काफी बिगड़ गई थी।
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)