डीएजी ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया : हुसैन की पेंटिंग जब्त करने के आदेश पर आर्ट गैलरी |

डीएजी ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया : हुसैन की पेंटिंग जब्त करने के आदेश पर आर्ट गैलरी

डीएजी ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया : हुसैन की पेंटिंग जब्त करने के आदेश पर आर्ट गैलरी

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Modified Date: January 23, 2025 / 09:17 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 9:17 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) आर्ट गैलरी डीएजी ने मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन की दो पेंटिंग जब्त करने के अदालती आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उसने “कोई भी गलत काम नहीं किया है।” इसके साथ ही डीएजी ने कहा कि पुलिस ने अपनी जांच में “आर्ट गैलरी द्वारा किसी संज्ञेय अपराध को अंजाम देने की बात नहीं कही है।”

दिल्ली की एक अदालत ने डीएजी में प्रदर्शित हुसैन की दो पेंटिंग में हिंदू देवताओं के ‘आपत्तिजनक’ चित्रण का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें जब्त करने का आदेश दिया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी साहिल मोंगा ने गत सोमवार को भगवान गणेश और भगवान हनुमान को कथित तौर पर आपत्तिजनक रूप में चित्रित करने वाली पेंटिंग को जब्त करने का आदेश देते हुए डीएजी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता अमित सचदेव का आरोप है कि हुसैन की दोनों पेंटिंग में सनातन धर्म के दो देवताओं का अपमान किया गया है और इनके प्रदर्शन से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

डीएजी ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान जारी किया है और कहा है कि उसने “उचित प्रक्रिया का पालन किया है और पुलिस को सभी आवश्यक जानकारी मुहैया कराई है।”

बयान के मुताबिक, “शिकायतकर्ता ने घटना का जो विवरण दिया है, उसकी जांच के दौरान डीएजी ने पुलिस के अनुरोध पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे गैलरी में लगाई गई प्रदर्शनी के सीसीटीवी फुटेज और विचाराधीन पेंटिंग तुरंत उपलब्ध कराए।”

इसमें कहा गया, “40 दिन से अधिक की विस्तृत जांच और डीएजी से हासिल सबूतों (पेंटिंग सहित) के गहन विश्लेषण के बाद पुलिस ने 20 जनवरी 2025 को न्यायिक मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट सौंपी कि डीएजी ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया है।”

सचदेव ने अपनी याचिका में दलील दी है, “यह अश्लीलता है। पूजनीय देवताओं का अश्लील चित्रण जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण रूप से उनका अपमान करने के समान है। हुसैन दुनिया के सबसे महान कलाकार हो सकते हैं, लेकिन उन्हें मेरे देवताओं का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।”

भाषा

पारुल अविनाश

अविनाश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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