नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 1990 में मादक पदार्थों की जब्ती के एक मामले में साक्ष्यों से कथित छेड़छाड़ के लिए केरल के पूर्व परिवहन मंत्री एंटनी राजू के खिलाफ बुधवार को एक निचली अदालत में आपराधिक कार्यवाही बहाल कर दी।
न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ के अनुसार यह नहीं कहा जा सकता कि राजू के खिलाफ नए सिरे से कार्यवाही की अनुमति देने का उच्च न्यायालय का आदेश कानून के लिहाज से खराब है। शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से एक साल में कार्यवाही पूरी करने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘आरोपी 20 दिसंबर, 2024 को या संबंधित अदालत के अगले कार्य दिवस पर निचली अदालत के समक्ष प्रस्तुत होंगे।’’
केरल उच्च न्यायालय ने पिछले साल 10 मार्च को कुछ तकनीकी आधार पर कार्यवाही रद्द कर दी थी।
सत्तारूढ़ मोर्चा एलडीएफ की सहयोगी जनाधिपत्य केरल कांग्रेस के नेता राजू के खिलाफ यह मुकदमा 1990 में मादक पदार्थ जब्त होने के एक मामले में साक्ष्यों से कथित छेड़छाड़ से जुड़ा है।
राजू मादक पदार्थ मामले में आरोपी के वकील थे।
इस मामले में आरोपी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को हशीश रखने के आरोप में तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया गया था और अभियोजन पक्ष ने उसके खिलाफ सबूत के तौर पर एक अंतर्वस्त्र पेश किया था और कहा था कि मादक पदार्थ की तस्करी उसी में छिपाकर की गई थी।
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।
हालांकि उच्च न्यायालय ने 1993 में तब उसे बरी कर दिया जब उसके वकील ने साबित कर दिया कि अंतर्वस्त्र उसके लिहाज से बहुत छोटा था।
बाद में पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी का पक्ष रखने वाले राजू को अदालत से अंतर्वस्त्र मिल गया था और उन्होंने इसे चार महीने बाद लौटाया था। इसके बाद आरोपी ने उच्च न्यायालय का रुख किया।
इसके बाद एक जिला अदालत ने राजू और अदालत के लिपिक के. जोस के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के सिलसिले में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
भाषा वैभव अविनाश
अविनाश
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