कृत्रिम बुद्धिमता आधारित प्लेटफॉर्म से एक्स-रे के जरिए कोविड मरीजों की होगी जल्द पहचान | Covid patients to be identified soon through X-rays from artificial intelligence based platform

कृत्रिम बुद्धिमता आधारित प्लेटफॉर्म से एक्स-रे के जरिए कोविड मरीजों की होगी जल्द पहचान

कृत्रिम बुद्धिमता आधारित प्लेटफॉर्म से एक्स-रे के जरिए कोविड मरीजों की होगी जल्द पहचान

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 PM IST
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Published Date: June 2, 2021 10:52 am IST

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) कोविड-19 मरीजों का जल्द पता लगाने के लिए एक स्टार्टअप ने कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) आधारित प्लेटफॉर्म को विकसित किया है। इसके तहत छाती के एक्स-रे के कम रिजोल्यूशन की तस्वीर से भी डॉक्टर बीमारी का पता लगा सकते हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

इस प्रक्रिया का नाम ‘एक्स-रे सेतु’ रखा गया है और कम रिजोल्यूशन वाली फोटो को मोबाइल के जरिये भेजा जा सकता है। इसके जरिए तेज गति से जांच करने और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी।

डीएसटी ने कहा है, ‘‘आर्टपार्क (एआई एंड रोबोटिक टेक्नोलॉजी पार्क) गैर लाभकारी संस्था है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने स्थापित किया है। बेंगलुरु स्थित हेल्थ-टेक स्टार्ट-अप निरामय और भारतीय विज्ञान संस्थान ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर एक्स-रे सेतु का विकास किया है। इसे कोविड-19 संक्रमित मरीजों की पहचान करने और व्हाट्सऐप के जरिये उनकी छाती के एक्स-रे को कम रिजोल्यूशन पर डॉक्टर तक भेजने की सुविधा के लिये तैयार किया गया है।’’

इसमें प्रभावित इलाकों का विश्लेषण और उसे रंगों के जरिये मानचित्र (हीटमैप) द्वारा समीक्षा भी की जायेगी। यह समीक्षा डॉक्टरों के लिये उपलब्ध रहेगी, ताकि वे आसानी से हालात के बारे में जान सकें। इसके जरिये भारत के दूर-दराज इलाकों से 1200 से अधिक रिपोर्ट मिली हैं।

स्वास्थ्य की जांच करने के लिये किसी भी डॉक्टर को एक वेबसाइट पर जाकर ‘ट्राई दी फ्री एक्स-रे सेतु बीटा’ बटन को क्लिक करना है। उसके बाद यह प्लेटफार्म उन्हें सीधे दूसरे पृष्ठ पर ले जायेगा, जहां उक्त डॉक्टर वेब या स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिये व्हाट्सऐप आधारित चैट-बॉट से जुड़ जायेंगे।

इसके अलावा डॉक्टर एक्स-रे सेतु सेवा शुरू करने के लिये एक नंबर पर व्हाट्सऐप संदेश भेज सकते हैं। उन्हें बस मरीज की एक्स-रे इमेज को क्लिक करना है और चंद मिनटों में ही संबंधित तस्वीरें और निदान की पूरी व्याख्या वाले दो पृष्ठ निकल आयेंगे।

डीएसटी ने कहा है, ‘‘कोविड-19 का किसी विशेष स्थान पर ज्यादा प्रभाव डालने की संभावना को ध्यान में रखते हुये, रिपोर्ट में डॉक्टरों की सुविधा के लिये हीट-मैप का भी उल्लेख रहेगा।’’

बयान के मुताबिक, ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने 1,25,000 से अधिक एक्स-रे तस्वीरों को इस प्रक्रिया से जांचा है। इसी तरह ‘एक्स-रे सेतु’ से एक हजार से अधिक भारतीय कोविड मरीजों की जानकारी हासिल की गई है। इस प्रक्रिया के शानदार नतीजे निकले हैं। आंकड़ों की संवेदनशीलता 98.86 प्रतिशत और सटीकता 74.74 प्रतिशत है।

कोविड-19 प्लेटफार्म के अलावा इस प्लेटफार्म से टीबी, निमोनिया समेत फेफड़े संबंधी 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल एनालॉग और डिजिटल एक्स-रे, दोनों रूपों में किया जा सकता है। पिछले 10 महीनों के दौरान ग्रामीण इलाकों में कार्यरत 300 से अधिक डॉक्टरों ने इसका सफल प्रयोग किया है।

भाषा आशीष देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)