बेंगलुरु, 10 सितंबर (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एकपक्षीय अंतरिम आदेश जारी करके मीडिया संस्थानों को कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा के खिलाफ आरोपपत्र से कोई भी जानकारी प्रसारित करने, छापने या प्रकाशित करने पर रोक लगा दी। दर्शन थुगुदीपा रेणुकास्वामी हत्या मामले में 16 अन्य के साथ आरोपी हैं। यह प्रतिबंध अगली सुनवाई तक लागू रहेगा।
एकल पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर ने अभिनेता दर्शन (47) की एक याचिका पर यह आदेश पारित किया। अभिनेता ने अदालत से अनुरोध किया था कि मीडिया संस्थानों को आरोपपत्र में निहित गोपनीय जानकारी और जांच के दौरान एकत्र की गई अन्य सामग्री को प्रसारित करने से रोका जाए।
यह मामला मजिस्ट्रेट अदालत में लंबित है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि दर्शन की पत्नी विजयलक्ष्मी द्वारा दायर वाद में 27 अगस्त को निचली अदालत द्वारा जारी रोक आदेश के बावजूद मीडिया संस्थान गोपनीय जानकारी साझा कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की दलीलों में दम पाते हुए, अदालत ने प्रतिवादी 3 से 40 के रूप में पहचाने जाने वाले मीडिया संस्थानों को अगली सुनवाई तक आरोपपत्र से कोई भी विवरण प्रकाशित करने से परहेज करने का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में ‘सिद्धार्थ वशिष्ठ (मनु शर्मा) बनाम राज्य (दिल्ली एनसीटी)’ में 2010 के उच्चतम न्यायालय के फैसले और केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995 के खंड 5 का हवाला दिया। इसने कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक समन्वय पीठ के एक पूर्व फैसले का भी हवाला दिया।
अदालत ने भारत संघ को इस फैसले के बारे में मीडिया संस्थानों को सूचित करने का निर्देश दिया।
दर्शन को रेणुकास्वामी हत्या मामले में 11 जून, 2024 को गिरफ्तार किया गया था और वह 22 जून से न्यायिक हिरासत में हैं। वर्तमान में वह बल्लारी जेल में बंद हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभिनेता के प्रशंसक 33 वर्षीय रेणुकास्वामी ने पवित्रा गौड़ा (दर्शन की मित्र और सह-आरोपी) को अश्लील संदेश भेजे थे, जिससे दर्शन नाराज हो गए और कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार रेणुकास्वामी का शव नौ जून को यहां सुमनहल्ली में एक अपार्टमेंट के बगल में एक बरसाती नाले के पास मिला था।
चित्रदुर्ग में दर्शन के फैन क्लब का हिस्सा रहे आरोपियों में से एक राघवेंद्र, रेणुकास्वामी को यहां आर आर नगर में स्थित एक जगह पर इस बहाने से लाया था कि अभिनेता उससे मिलना चाहते हैं। उसी जगह कथित तौर पर उसे प्रताड़ित किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, चित्रदुर्ग के मूल निवासी रेणुकास्वामी की मौत कई चोटों के परिणामस्वरूप सदमे और रक्तस्राव के कारण हुई।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि रेणुकास्वामी की हत्या के लिए ‘मुख्य कारण’ आरोपी नंबर एक पवित्रा थी। उन्होंने दावा किया कि जांच से यह साबित हो गया है कि उसने अन्य आरोपियों को उकसाया, उनके साथ साजिश रची और अपराध में शामिल हुई।
भाषा अमित नरेश
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