नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में धन शोधन निवारण अधिनियम के अपीलीय न्यायाधिकरण (एटीपीएमएलए) के कामकाज शुरू करने और अध्यक्ष तथा सदस्यों के पदों को भरने की समय सीमा स्पष्ट रूप से बताए।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्र द्वारा दाखिल एक स्थिति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यायाधिकरण को जल्द से जल्द कार्यशील बनाने के लिए कोई समय सीमा नहीं बताई गई है। न्यायालय ने कहा, ‘‘न्याय के हित में, प्रतिवादियों को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है, जिसमें स्पष्ट रूप से उस समय सीमा का उल्लेख किया जाना चाहिए कि न्यायाधिकरण को कब से कार्यशील बनाया जायेगा और अध्यक्ष तथा सदस्यों के पदों को कब तक भरा जायेगा।’’
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि सात अक्टूबर तय की।
अदालत ‘फुलर्टन इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में धन शोधन सहित विभिन्न कानूनों के तहत आर्थिक अपराध के मामलों से निपटने के लिए पीएमएलए के तहत गठित अपीलीय न्यायाधिकरण में अध्यक्ष को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
केंद्र ने स्थायी वकील मनीष मोहन के माध्यम से अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि संसद ने हाल में न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 बनाया है ,जिसमे अन्य बातों के साथ-साथ न्यायाधिकरण के अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा की शर्तों का प्रावधान भी है।
उच्च न्यायालय ने पांच अगस्त को कहा था कि उसे उम्मीद है कि केंद्र राष्ट्रीय राजधानी में एटीपीएमएलए को 14 सितंबर तक कार्यशील किये जाने को सुनिश्चित करेगा।
भाषा देवेंद्र अनूप
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मनमोहन एक झलक
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