ISRO Naughty Boy Launched in the Evening : नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन लगातार दुनिया को अपनी ताकत दिखा रहा है। चंद्रयान और मिशन आदित्य एल 1 के बाद इसरो एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। ISRO आज मौसम की सटीक जानकारी देना वाला सैटेलाइट लॉन्च करेगा। मौसम उपग्रह इनसैट-3 डीएस के लॉन्च की उल्टी गिनती शुक्रवार को शुरू हो गई। 16वें मिशन के तहत प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ14 की उड़ान शनिवार शाम 5.35 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित है।
ISRO Naughty Boy Launched in the Evening : इनसैट-3 डीएस उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान उपग्रह का अनुवर्ती मिशन है, और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। बता दें कि जीएसएलवी के भारी भरकम भाई लॉन्च व्हीकल मार्क-3 रॉकेट, जिसे बाहुबली रॉकेट के तौर पर भी जाना जाता है, ने सात मिशन लॉन्च किए हैं और सभी सफल रहे हैं। पीएसएलवी रॉकेट की सफलता की दर भी 95 फीसदी है। इस लिए जीएसएलवी रॉकेट की सफल लॉन्चिंग बहुत ज्यादा जरूरी है।
जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) एक तीन चरण वाला 51.7 मीटर लंबा प्रक्षेपण यान है, जिसका वजन 420 टन है। पहले चरण (जीएस1) में एक ठोस प्रोपेलेंट (एस139) मोटर शामिल है, जिसमें 139-टन प्रोपेलेंट और चार पृथ्वी-स्थिर प्रोपेलेंट चरण (एल40) स्ट्रैपॉन हैं। इनमें से प्रत्येक में 40 टन तरल प्रोपेलेंट होता है। दूसरा चरण (जीएस2) भी 40-टन प्रोपेलेंट से भरा हुआ है, जो एक पृथ्वी-भंडारणीय प्रणोदक चरण है। तीसरा चरण (GS3) एक क्रायोजेनिक चरण है, जिसमें तरल ऑक्सीजन (LOX) और तरल हाइड्रोजन (LH2) की 15 टन प्रोपेलेंट लोडिंग होती है।
इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक, ‘जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस मिशन: 17 फरवरी, 2024 को 17.35 बजे प्रक्षेपण के लिए 27.5 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।’ गत एक जनवरी को पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसैट मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है। इस उपग्रह का भार 2,274 किलोग्राम है। क्रियान्वित होने के बाद यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों-भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र को सेवा प्रदान करेगा। उपग्रह को ले जाने वाले रॉकेट की लंबाई 51.7 मीटर है।