मुख्यमंत्री आतिशी को फ्लैगस्टाफ रोड बंगला आवंटित होने के एक दिन बाद भी विवाद जारी |

मुख्यमंत्री आतिशी को फ्लैगस्टाफ रोड बंगला आवंटित होने के एक दिन बाद भी विवाद जारी

मुख्यमंत्री आतिशी को फ्लैगस्टाफ रोड बंगला आवंटित होने के एक दिन बाद भी विवाद जारी

:   Modified Date:  October 12, 2024 / 09:29 PM IST, Published Date : October 12, 2024/9:29 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से शनिवार को जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार 6,फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के आवंटन के संबंध में नियमों और प्रक्रियाओं की अवहेलना कर तथा तथ्यों को छिपाकर लोगों को गुमराह करने के लिए सर्वाधिक ‘‘कुटिल और द्वेषपूर्ण हरकत’’ में संलिप्त रही।

मुख्यमंत्री आतिशी को बंगला आवंटित किए जाने के एक दिन बाद उपराज्यपाल कार्यालय ने उन पर भी इस कवायद में शामिल रहने का आरोप लगाया।

अरविंद केजरीवाल नौ साल तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में जिस बंगले में रहे, उसे खाली करने तथा नये सिरे से आवंटन को लेकर आप, भाजपा और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच तकरार जारी है।

उपराज्यपाल कार्यालय के बयान में आरोप लगाया गया, ‘‘केजरीवाल द्वारा बंगले की चाबी सौंपे जाने और आतिशी को आवंटित किए जाने के लगभग 48 घंटे के भीतर ही आप, मंत्रियों और यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री ने नियमों और प्रक्रियाओं को तोड़-मरोड़ कर, इस संबंध में तथ्य छिपाकर और उपराज्यपाल को लगातार खरी खोटी सुनाकर दिल्ली एवं पूरे देश के लोगों को गुमराह करने की सर्वाधिक कुटिल और द्वेषपूर्ण हरकत की।’’

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सूत्रों ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल कार्यालय का बयान देखकर दुख हुआ, जो जनता द्वारा चुनी गई सरकार पर अपशब्दों और आरोपों से भरा हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप सरकार पिछले कुछ महीनों में उपराज्यपाल द्वारा रोके गए सभी कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने में व्यस्त है। उपराज्यपाल की ये टिप्पणियां असल में जवाब देने लायक नहीं हैं।’’

दिल्ली सचिवालय ने दावा किया कि उपराज्यपाल के साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया गया।

आप सरकार, दिल्ली सरकार के मंत्रियों और पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आतिशी को बंगला खाली करने के लिए मजबूर किया।

उपराज्यपाल सचिवालय ने कहा कि आतिशी, जिन्होंने दावा किया था कि फ्लैगस्टाफ रोड बंगला खाली करने के बाद वह सड़क पर से काम करेंगी, दिल्ली के लोगों को यह बताना ‘‘भूल गईं’’ कि उनके पास पहले से ही मथुरा रोड पर 17-एबी बंगला है।

बयान में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सचिवालय में करोड़ों रुपये की लागत से पुनर्निर्मित सात सितारा कार्यालय भी उनके काम करने के लिए उपलब्ध है और उन्हें नाटक करने की जरूरत नहीं है।

उपराज्यपाल कार्यालय ने यह भी कहा कि फ्लैगस्टाफ रोड बंगले की भवन योजना को अब तक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने मंजूरी नहीं दी है और इस वजह से निर्माण पूरा होने का प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किया गया है।

उसने दावा किया, ‘‘इसलिए, यह आवास अब तक एक अवैध ढांचा है।’’

भाजपा ने बंगले को ‘‘शीशमहल’’ करार दिया और केजरीवाल के खिलाफ अभियान चलाया तथा आरोप लगाया कि कोविड महामारी के दौरान इसके निर्माण में ‘‘अनियमितताएं’’ की गईं और इसकी साज-सज्जा में काफी महंगी वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया।

विवाद के मद्देनजर उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों से आप सरकार के ‘‘कुशासन’’ के कारण दिल्ली में सबसे खराब नागरिक बुनियादी ढांचा एवं सेवाएं हैं।

उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा, ‘‘यदि उन्होंने 10 वर्षों में से दो वर्ष भी उस उद्देश्य से शासन किया होता और काम किया होता जिसके लिए उन्हें चुना गया था, तो दिल्ली में स्थिति काफी बेहतर होती और वे अपनी घोर विफलताओं के लिए हर किसी पर दोषारोपण नहीं करते और उपराज्यपाल को बुरा-भला नहीं कहते।’’

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

 

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