देहरादून: Contract Employees Regularization Latest Update संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा अब राष्ट्रव्यापी बनते जा रह है। देश के कोने-कोने से संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर सरकार से नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को पूरा करने की डिमांड कर रहे हैं। कई राज्यों में तो नियमितीकरण का आंदोलन इतने लंबे समय से चला आ रहा है कि अब कर्मचारियों की उम्मीद लगभग टूट चुकी है। लेकिन इस बीच संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि सरकान संविदा कमचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
Contract Employees Regularization Latest Update मिली जानकारी के अनुसार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए अब प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। बताया गया कि कैबिनेट में मंत्रियों से सहमति नहीं मिलने के बाद अब सरकार ने विधायकों से भी नियमितीकरण को लेकर राय मांगी है। कहा जा रहा है कि विधायकों की सहमति के बाद इस प्रस्ताव को फिर से कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
दरअसल, शासन ने सरकारी विभागों, निगमों, परिषदों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले तदर्थ, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2011 में नियमावली तैयार की। इसमें वर्ष 2011 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कार्मिकों को नियमित करने की व्यवस्था की गई। इसके बाद वर्ष 2013 में एक दूसरी नियमावली लाई गई। इसमें यह प्रविधान किया गया कि वर्ष 2011 में बनाई नियमावली के अंतर्गत जो कर्मचारी नियमित नहीं हो पाए, उन्हें नियमित किया जाएगा। इस नियमावली के बाद भी बड़ी संख्या में संविदा कर्मी नियमित होने से रह गए।
ऐसे में सरकार ने वर्ष 2016 में संशोधित विनियमितीकरण नियमावली जारी की, जिसमें न्यूनतम सेवा अवधि 10 वर्ष को घटाकर पांच वर्ष तक सीमित कर दिया गया। इस नियमावली पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इसी वर्ष फरवरी में हाईकोर्ट ने यह रोक हटाई। बीते माह, यानी अगस्त में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2018 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मियों को नियमित करने का प्रस्ताव लाया गया। कैबिनेट के कुछ सदस्य कट आफ डेट को लेकर सहमत नहीं थे। वे वर्ष 2024 तक के संविदाकर्मियों के विनियमितीकरण के पक्ष में थे।
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