संविधान खतरे में है और इसकी रक्षा के लिए सबको चौकस रहना होगा : कांग्रेस |

संविधान खतरे में है और इसकी रक्षा के लिए सबको चौकस रहना होगा : कांग्रेस

संविधान खतरे में है और इसकी रक्षा के लिए सबको चौकस रहना होगा : कांग्रेस

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Modified Date: December 16, 2024 / 01:35 PM IST
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Published Date: December 16, 2024 1:35 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) देश में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं पर अत्याचारों का सिलसिला जारी रहने का दावा करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि संविधान खतरे में है और इसकी रक्षा के लिए सबको चौकस रहना होगा।

राज्यसभा में ‘भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में हिस्सा ले रहे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब संविधान को स्वीकार किया गया तो ‘‘हमें इसके तहत ही चलना चाहिए। एक दूसरे की खामियां निकाले जाने पर कई बातें निकलेंगी।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस वाले चाहते हैं कि संविधान मनु स्मृति जैसा हो। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘जो लोग भारत के राष्ट्रीय ध्वज से, हमारे अशोक चक्र से, हमारे संविधान से नफरत करते हैं, वह लोग आज हमें संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं।’’

खरगे ने कहा कि लोकतंत्र में संसद सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ चलती है।

उन्होंने कहा कि आज अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं पर अत्याचारों का सिलसिला थमा नहीं है। ‘‘अपनी सरकारों के राज्यों की स्थिति देखिए।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा पहली बार 26 जनवरी 2002 को अदालत के आदेश के बाद आरएसएस के मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया।

उन्होंने दावा किया कि संविधान पर खतरा बना हुआ है ‘‘इसलिए हमें चौकस रहना होगा।’’ उन्होंने कहा कि संविधान सत्ता का नैतिक मार्गदर्शक है और उसका अनुसरण करना चाहिए।

खरगे ने कहा ‘‘जिन लोगों ने देश के लिए आवाज ही नहीं उठाई, देश के लिए लड़ा ही नहीं, वह लोग क्या जानेंगे कि आजादी क्या होती है।

उन्होंने सवाल किया कि इस सरकार ने पिछले 11 साल में ऐसा कौन सा काम किया है जिससे देश का लोकतंत्र और संविधान मजबूत हुआ है।

खरगे ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम, मनरेगा और शिक्षा का अधिकार अधिनियम कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ले कर आई और आज भी गरीबों के लिए यह कानून मददगार हैं। ‘‘यहां तक कि कोविड काल में मनरेगा मजदूरों का सबसे बड़ा सहारा था।’’

उन्होंने कहा कि काला धन विदेश से वापस ला कर एक एक व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा, हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा, किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा, क्या झूठ नहीं था ? उन्होंने कहा, ‘‘झूठ आप बोलते हैं, आरोप हम पर लगाते हैं।’’

भाषा मनीषा माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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