संविधान ने जाति, पंथ, धर्म से परे सभी को समान अधिकार दिए हैं: माझी |

संविधान ने जाति, पंथ, धर्म से परे सभी को समान अधिकार दिए हैं: माझी

संविधान ने जाति, पंथ, धर्म से परे सभी को समान अधिकार दिए हैं: माझी

:   Modified Date:  November 26, 2024 / 03:11 PM IST, Published Date : November 26, 2024/3:11 pm IST

भुवनेश्वर, 26 नवंबर (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को कहा कि सभी को संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए, जिन्होंने जाति, पंथ और धर्म से परे सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए हैं।

मुख्यमंत्री ने खेल एवं युवा मामले विभाग द्वारा आयोजित पदयात्रा ‘अमा संविधान, अमा स्वाभिमान’ में भाग लिया तथा संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एजी स्क्वायर पर डॉ. बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

माझी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान ने जाति, पंथ और धर्म से परे सभी को सम्मान और अधिकार दिए हैं। इसने समाज के सभी वर्गों को समान अधिकार दिए हैं।

उन्होंने कहा, “इसलिए, हमें अपने संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि संविधान देश की एकता और अखंडता का मुख्य स्रोत है और सभी को संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को हर पल देश की संप्रभुता, एकता और एकजुटता के प्रति सचेत रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी को राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना चाहिए।

संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान को अपनाया था। संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।

ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने मंगलवार को लोगों से संविधान में निहित आदर्शों को कायम रखने और इसकी पवित्रता की रक्षा करने का अपना संकल्प दोहराने को कहा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए संविधान बनाने वाले महान दूरदर्शी लोगों को सलाम। संविधान दिवस पर, आइए हम संविधान में निहित आदर्शों को बनाए रखने और इसकी पवित्रता की रक्षा करने की अपनी प्रतिज्ञा को फिर दोहरायें।”

भाषा

प्रशांत सुरेश

सुरेश

 

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