सोनिया गांधी की सलाह- कृषि बिल को निष्प्रभावी बनाने के लिए खोजें विकल्प, 2 अक्टूबर को 'किसान-मजदूर बचाओ दिवस' मनाएगी पार्टी | Congress will observe 'Kisan-Mazdoor Bachao Divas' on October 2 by holding dharnas and marches at every assembly and district

सोनिया गांधी की सलाह- कृषि बिल को निष्प्रभावी बनाने के लिए खोजें विकल्प, 2 अक्टूबर को ‘किसान-मजदूर बचाओ दिवस’ मनाएगी पार्टी

सोनिया गांधी की सलाह- कृषि बिल को निष्प्रभावी बनाने के लिए खोजें विकल्प, 2 अक्टूबर को 'किसान-मजदूर बचाओ दिवस' मनाएगी पार्टी

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 PM IST
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Published Date: September 28, 2020 4:22 pm IST

नई दिल्ली: विपक्ष और किसानों के विरोध के बीच राष्ट्रपति रामना​थ कोविंद ने रविवार को मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए किसान कानून पर मुहर लगा दी थी। हालांकि अभी भी इस कानून को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में जमकर विरोध हो रहा है। किसान सड़कों पर उतकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बिल को लेकर कांग्रेस शासित राज्यों को सलाह दी है कि केंद्र सरकार के ‘कृषि विरोधी कानूनों’ को निष्प्रभावी करने के लिए अपने यहां कानून पारित करने की संभावना पर विचार करें।

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पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोनिया ने कांग्रेस शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे संविधान के अनुच्छेद 254 (ए) के तहत कानून पारित करने के संदर्भ में गौर करें। वहीं, पार्टी ने फैसला किया है कि कांग्रेस 2 अक्टूबर को ‘किसान-मजदूर बचाओ दिवस’ का आयोजन करेगी, जिसमें देश भर के हर विधानसभा और जिला मुख्यालयों पर धरने और मार्च होंगे।

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वेणुगोपाल ने कहा कि यह अनुच्छेद इन ‘कृषि विरोधी एवं राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने वाले केंद्रीय कानूनों’ को निष्प्रभावी करने के लिए राज्य विधानसभाओं को कानून पारित करने का अधिकार देता है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकारें हैं। महाराष्ट्र और झारखंड में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है। राज्य के इस कदम से कृषि संबंधी तीन कानूनों के अस्वीकार्य एवं किसान विरोधी प्रावधानों को दरकिनार किया जा सकेगा। इन प्रावधानों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने और कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को बाधित करने का प्रावधान शामिल है। कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा है कि कांग्रेस शासित प्रदेशों की ओर से कानून पारित करने के बाद वहां किसानों को उस घोर अन्याय से मुक्ति मिलेगी जो मोदी सरकार और भाजपा ने उनके साथ किया है।

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