कांग्रेस ने रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, भाजपा ने पलटवार किया |

कांग्रेस ने रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, भाजपा ने पलटवार किया

कांग्रेस ने रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, भाजपा ने पलटवार किया

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Modified Date: January 13, 2025 / 08:11 PM IST
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Published Date: January 13, 2025 8:11 pm IST

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इस साल के उत्तरार्द्ध में 75 साल के होने की तैयारी कर रहे हैं और रुपया पहले ही डॉलर के मुकाबले 86 पार चुका है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की तुलना में आज रुपया का प्रदर्शन कहीं बेहतर है तथा रुपया वर्तमान समय में विश्व की सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक है।

रुपये के मूल्य में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में जारी रहा और 57 पैसे टूटकर 86.61 (अस्थायी) प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब मोदी जी ने प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब वह 64 वर्ष के होने वाले थे और डॉलर के मुक़ाबले रुपया 58.58 पर था। उस समय वह रुपये को मज़बूत करने को लेकर बहुत कुछ बोला करते थे। उन्होंने इसके मूल्य में गिरावट को पूर्व प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) की उम्र से भी जोड़ दिया था।’’

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘अब देखिए, मोदी जी इस वर्ष के अंत तक 75 साल के होने की तैयारी कर रहे हैं और रुपया पहले ही डॉलर के मुक़ाबले 86 पार चुका है।’’

रमेश ने दावा किया कि जैसे-जैसे रुपया गिरता जा रहा है, मोदी जी अपने ही खोदे गड्ढे में फंसते जा रहे हैं।

इसके बाद, भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत की सुधरी हुई स्थिति, कम राजकोषीय घाटा और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार ने रुपये को वैश्विक स्तर पर सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक बना दिया है। पिछले वर्ष भले ही अमेरिकी डॉलर सूचकांक में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन रुपये में मामूली 3.68 प्रतिशत की गिरावट आई। यह जापानी येन और कोरियाई वॉन जैसी कई प्रमुख मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है।’’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत इस स्थिरता की तुलना संप्रग सरकार के के दौर के उथल-पुथल से करें, तो उस वक्त रुपया लगातार गिर रहा था, वर्ष 2011 और 2013 के बीच 36 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

मालवीय ने कहा कि उस समय विदेशी ऋण 21 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था और राजग सरकार में विदेशी ऋण वृद्धि को सालाना केवल 4.5 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है।

उन्होंने कुछ अन्य आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अगली बार जब कोई भारतीय रुपये की खराब तस्वीर पेश करे, तो उसे संप्रग के तहत इसके निराशाजनक प्रदर्शन और मोदी सरकार के तहत उल्लेखनीय बदलाव की याद दिलाएं। रुपया आज दुनिया की सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक है और यह कोई संयोग नहीं है।’’

भाषा हक हक दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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