कांग्रेस ने बुच को 'कोई वेतन नहीं दिए जाने' के आईसीआईसीआई के दावे पर सवाल उठाया |

कांग्रेस ने बुच को ‘कोई वेतन नहीं दिए जाने’ के आईसीआईसीआई के दावे पर सवाल उठाया

कांग्रेस ने बुच को 'कोई वेतन नहीं दिए जाने' के आईसीआईसीआई के दावे पर सवाल उठाया

:   Modified Date:  September 3, 2024 / 05:56 PM IST, Published Date : September 3, 2024/5:56 pm IST

नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक के इस दावे पर सवाल किया कि उसने सेबी प्रमुख माधबी पी बुच को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कोई वेतन या ‘ईएसओपी’ नहीं दिया। इसके साथ ही पार्टी ने पूछा कि अगर उन्हें दी गई राशि उनका ‘सेवानिवृत्ति लाभ’ थी, तो इसकी आवृत्ति और राशि एक समान क्यों नहीं थी।

कांग्रेस ने सोमवार को बुच के खिलाफ ‘हितों के टकराव’ के नए आरोप लगाए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि वह कैबिनेट की नियुक्ति समिति के प्रमुख के तौर पर बुच की नियुक्ति पर स्पष्टीकरण दें।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वर्ष 2017 में कार्यभार संभालने वाली बुच न सिर्फ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से वेतन लेती रहीं वहीं आईसीआईसीआई बैंक में लाभ के पद पर बनी हुई हैं और अब तक बैंक से आय प्राप्त कर रही हैं।

इस आरोप पर बैंक ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक ने बुच को 31 अक्टूबर, 2013 को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कोई वेतन या कोई ईएसओपी (कर्मचारी शेयर विकल्प योजना) नहीं दिया है।

बैंक के दावों का खंडन करते हुए, कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक के बयान में जवाब देने का प्रयास किया गया है, लेकिन वास्तव में, उसने और अधिक जानकारी मुहैया करायी है और उनकी पार्टी के आरोपों की पुष्टि की है।

उन्होंने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक का दावा है कि बुच को भुगतान की गई राशि बैंक में उनके काम करने के दौरान अर्जित हुई थी और यह उनका ‘सेवानिवृत्ति लाभ’ है। खेड़ा ने सवाल किया कि यह तथाकथित ‘सेवानिवृत्ति लाभ’ की आवृत्ति और राशि दोनों असमान क्यों हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अगर हम यह भी मान लें कि 2014-2015 में (उनकी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद) आईसीआईसीआई से उन्हें मिले 5.03 करोड़ रुपये उनके सेवानिवृत्ति लाभ का हिस्सा थे और उन्हें 2015-2016 में कुछ भी नहीं मिला। फिर यह तथाकथित सेवानिवृत्ति लाभ 2016-2017 में फिर क्यों शुरू हुआ और 2021 तक जारी रहा?’

उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2007 से 2013-14 तक (आईसीआईसीआई से सेवानिवृत्ति से ठीक पहले) माधबी पी बुच को मिला औसत वेतन 1.3 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है। हालांकि, आईसीआईसीआई द्वारा माधबी बुच को 2016-17 से 2020-21 तक दिया गया तथाकथित सेवानिवृत्ति लाभ औसतन लगभग 2.77 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है। किसी व्यक्ति का सेवानिवृत्ति लाभ एक कर्मचारी के रूप में उसके वेतन से अधिक कैसे हो सकता है?’

खेड़ा ने कहा कि बैंक के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित कर्मचारियों के पास 10 वर्ष की अवधि तक किसी भी समय अपने ईएसओपी का उपयोग करने का विकल्प था। उन्होंने कहा कि हालांकि, आईसीआईसीआई ने अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से जिस एकमात्र ईएसओपी नीति का खुलासा किया है, वह अमेरिकी प्रतिभूति विनिमय आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई है, और इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूर्व कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अधिकतम तीन महीने के भीतर अपने ईएसओपी का उपयोग कर सकते हैं।

कांग्रेस नेता सवाल किया कि वह ‘संशोधित नीति’ कहां है जिसके तहत बुच अपनी सेवाओं की स्वैच्छिक समाप्ति के आठ साल बाद ईएसओपी का उपयोग करने में सक्षम थीं।

भाषा अविनाश माधव

माधव

 

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