All Inida Bypolls Results 2021 : नई दिल्ली। देश के 14 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 29 विधानसभा और तीन लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए। इसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सहयोगियों के साथ असम सहित उत्तर-पूर्व में अपने प्रभुत्व की फिर पुष्टि की है। वहीं, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में एक बड़ा उलटफेर किया। राजस्थान में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है। आपको बता दें कि नागालैंड की एक सीट पर 13 अक्टूबर को विजेता निर्विरोध घोषित किया गया था।
हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में जहां बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया वहीं असम और मध्य प्रदेश में अपने प्रमुख क्षत्रपों क्रमश: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने-अपने राज्यों में हुए उपचुनावों में पार्टी को प्रभावी जीत दिलाई. हालांकि कर्नाटक में इन दोनों के समकक्ष बसवराज बोम्मई के लिए परिणाम मिश्रित रहे.
कुछ सदस्यों की मौत और कुछ के इस्तीफे से खाली हुई इन सभी सीटों पर गत 30 अक्टूबर को मतदान हुआ था. जिन सीटों पर उपचुनाव हुआ है, उनमें नौ सीटों पर कांग्रेस और आधा दर्जन सीटों पर बीजेपी का कब्जा था. अन्य सीटें तृणमूल कांग्रेस, जनता दल (युनाईटेड), इंडियन नेशनल लोकदल सहित कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों के कब्जे में थीं.
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यह उपचुनाव ऐसे समय हुए हैं जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें नित नए रिकार्ड बना रही हैं और महंगाई आसमान छू रही है. इनके अलावा किसानों के आंदोलन, कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों और देश भर में जारी कोविड-19 रोधी टीकाकरण सहित कई अन्य क्षेत्रीय व स्थानीय मुद्दे भी इन चुनावों में हावी रहे.
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पश्चिम बंगाल
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देकर लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता पर काबिज हुई तृणमूल कांग्रेस और उसकी मुखिया ममता बनर्जी के सामने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की एक नहीं चल रही है. राज्य में चार सीटों पर हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत हासिल हुई. वह बीजेपी से दो सीटें छीनने में भी सफल रही, जिस पर पिछले विधानसभा चुनाव में उसे जीत हासिल हुई थी. तृणमूल कांग्रेस को इन उपचुनावों में 75 प्रतिशत से अधिक मत हासिल हुए.
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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को सबसे तगड़ा झटका लगा है, जहां कांग्रेस ने तीनों विधानसभा सीटों फतेहपुर, अर्की और जुबल-कोटखाई और मंडी लोकसभा सीट पर जीत हासिल की. कांग्रेस ने अपनी फतेहपुर और अर्की सीटें बरकरार रखी जबकि जुबल-कोटखाई सीट बीजेपी से छीनने में कामयाब हुई. मंडी लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी व कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और करगिल युद्ध के अनुभवी सैनिक बीजेपी प्रत्याशी कौशल ठाकुर को पराजित किया. गौरतलब है कि मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी के राम स्वरूप शर्मा ने 2019 लोकसभा चुनाव में 4,05,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
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हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ ने तो बीजेपी की हार के बाद नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस्तीफा मांग लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ‘सेमीफाइनल’ जीत लिया है और अगले साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी जीत दर्ज करेगी.
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हिमाचल में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रदर्शन की समीक्षा कर सकता है. वहां गुजरात के साथ ही अगले साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. पिछले दिनों पहले बीजेपी ने गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन करते हुए राज्य की कमान विजय रूपाणी के हाथों से लेकर भूपेंद्र पटेल को सौंपी थी. ठाकुर ने प्रदेश में बीजेपी की हार के पीछे महंगाई को कारण बताया है.
राजस्थान
राजस्थान के नतीजे भी बीजेपी की आकांक्षाओं के विपरीत आए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की छत्रछाया से बाहर निकलकर नए नेतृत्व पर विश्वास जताने की बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीदों को इन नतीजों से झटका लगा है. खास बात यह है कि राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक कलह खुलकर सामने आने के बाद भी बीजेपी को इन चुनावों में शिकस्त झेलनी पड़ी है.
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पार्टी ने इन चुनाव में न केवल एक सीट गंवाई बल्कि वह वल्लभनगर सीट पर तो चौथे स्थान पर खिसक गयी . राज्य की वल्लभनगर (उदयपुर) व धरियावद (प्रतापगढ़) विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. धरियावद सीट पर बीजेपी तीसरे स्थान पर रही. कांग्रेस ने यह सीट बीजेपी से छीनी है और साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में धरियावदसीट बीजेपी के गौतम लाल मीणा ने जीती थी.
कर्नाटक
कर्नाटक के परिणाम बीजेपी के लिए मिश्रित रहे. दो विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी ने सिन्डगी सीट पर जीत दर्ज की लेकिन हंगल में वह कांग्रेस से हार गयी.
हरियाणा
राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा में, केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में विधायक पद से इस्तीफा देने वाले इनेलो के नेता अभय चौटाला ऐलनाबाद सीट जीतने में सफल रहे. इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल और बीजेपी-जजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा से था. गोबिंद कांडा हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख एवं विधायक गोपाल कांडा के भाई हैं.
असम
पिछले विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सत्ता में फिर से लौटी बीजेपी के लिए सबसे सुखद परिणाम असम से आए जहां सर्बानंद सोनोवाल की जगह हिमंत बिस्व सरमा पर विश्वास जताते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी थी.
असम के पांच विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन ने जीत हासिल की. बीजेपी तीन सीटों पर विजय रही तो दो विधानसभा सीटें उसकी सहयोगी यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के खाते में गईं.
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मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में जहां गाहे-बगाहे शिवराज सिंह चौहान को बदलने की बात होती है, वहां पार्टी दो सीटें कांग्रेस से छीनने में सफल रही. हालांकि एक सीट उसे कांग्रेस के हाथों गंवानी पड़ी. यह चुनाव परिणाम चौहान को मजबूती देने वाले हैं.
दादरा और नगर हवेली लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को शिव सेना के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. यह सीट पूर्व निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर के निधन से रिक्त हुई थी.
उनकी पत्नी कलाबेन डेलकर ने उपचुनाव में जीत हासिल की. शिव सेना के टिकट पर कलाबेन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के महेश गावित को पराजित किया.
बिहार
बिहार में बीजेपी चुनाव मैदान में नहीं थी लेकिन उसकी सहयोगी जनता दल (यूनाईटेड) दोनों उपचुनावों में जीत दर्ज करने में सफल रही. दोनों ही सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल को हार का समाना करना पड़ा.
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विधानसभा उपचुनाव के तहत असम की पांच, पश्चिम बंगाल की चार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मेघालय की तीन-तीन, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान की दो-दो और आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना की एक-एक सीट के लिए मतदान हुआ था.
इन 29 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास पहले करीब आधा दर्जन सीटें थीं, वहीं कांग्रेस के पास नौ सीटें और बाकी क्षेत्रीय पार्टियों के पास थीं.
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तेलंगाना
इन उपचुनावों में तेलंगाना से बीजेपी के लिए सुखद परिणाम सामने आए. पार्टी के उम्मीदवार ई राजेंद्र को हुजूराबाद से शानदार जीत हासिल हुई. राजेंद्र राज्य की तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे. उन्होंने पिछले दिनों टीआरएस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले की देगलूर (सुरक्षित) सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार जितेश रावसाहेब अंतापुरकर की जीत के साथ ही पार्टी का इस सीट पर कब्जा बरकरार रहा. निर्वाचन आयोग के अनुसार अंतापुरकर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार सुभाष पिराजीराव सब्ने को 41,917 मतों के अंतर से हराया.