मुंबई : MLA Sangram Thopte wrote a letter to Mallikarjun Kharge : महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बाद राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया है। पूर्व में इस पद (एलओपी) पर काबिज अजित पवार अब शिंदे फड़नवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। एनसीपी में दोफाड़ होने के बाद अब कांग्रेस राज्य विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल बन गई है। इन तमाम सियासी घटनाक्रमों के बीच अब पुणे जिले के भोर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है और नेता प्रतिपक्ष के लिए उनके नाम पर विचार करने का अनुरोध किया है।
MLA Sangram Thopte wrote a letter to Mallikarjun Kharge : थोपटे ने यह पत्र ऐसे समय में लिखा है जब सोमवार से महाराष्ट्र राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। थोपटे ने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष नाना पटोले को नहीं बल्कि एआईसीसी नेतृत्व को पत्र लिखा है। कांग्रेस पार्टी के पास महाराष्ट्र में बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण जैसे वरिष्ठ नेता भी हैं जो पहले महाविकास अघाडी सरकार में मंत्री थे।
थोपटे ने खड़गे के नाम लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि पिछली एमवीए सरकार में स्पीकर पद के लिए उनके नाम पर मुहर लग गई थी, लेकिन तब अजित पवार ने इसका विरोध किया था। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि अजित पवार ने देवेन्द्र फड़णवीस के साथ कुछ एडजस्टमेंट किया है।
यह भी पढ़ें : नवोदय स्कूल के छात्रों में फैला ये संक्रमण, 100 बच्चों का कैंप लगाकर चल रहा इलाज
MLA Sangram Thopte wrote a letter to Mallikarjun Kharge : थोपटे ने लिखा ‘अब अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र पुणे जिले की राजनीति को ध्यान में रखते हुए मैं इस अवसर का लाभ उठा सकता हूं और पुणे जिले तथा पश्चिमी महाराष्ट्र में प्रदर्शन में सुधार के लिए कांग्रेस पार्टी का नाम मजबूत विरोधी पार्टी के रूप में ला सकता हूं। यहां तक कि चार महीने पहले भी पुणे शहर में कसबा निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव हुआ था और मैं मुख्य पर्यवेक्षक था और मतदाताओं के साथ बैकएंड कनेक्टिविटी का काम किया था। अपने कांग्रेस उम्मीदवार के पोर्टफोलियो का प्रबंधन किया था।’
थोपटे ने यह भी उल्लेख किया है कि वह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक थे। थोपटे ने कहा कि यदि कांग्रेस नेतृत्व भाजपा गठबंधन से लड़ना चाहता है और पुणे और पश्चिमी महाराष्ट्र के मुद्दों को हल करना चाहता है तो उनका अनुभव मददगार हो सकता है।
MLA Sangram Thopte wrote a letter to Mallikarjun Kharge : महाराष्ट्र में कुल विधानसभा सीटें 286 है। इनमें 105 विधायकों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। बीजेपी ने शिवसेना शिंदे गुट के साथ गठबंधन कर रखा है, जिसके पास 40 सीटें हैं। सरकार में अन्य 20 हैं। रविवार को एनसीपी अजित पवार गुट जब शामिल हुआ तो उनके साथ 24 विधायक जुड़े हैं। इस तरह 189 सीटों के साथ सरकार बनी हुई है।
अब दूसरी ओर कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं. शिवसेना उद्धव गुट के पास 15 सीटें हैं। अन्य की 9 सीटें शामिल हैं. शरद पवार की एनसीपी के 14 विधायक ही अब महाविकास अघाड़ी में हैं। क्योंकि एनसीपी के 15 विधायकों के बारे में यह क्लियर नहीं है कि वह अजित गुट में हैं या शरद पवार के खेमे में। इस तरह महाविकास अघाड़ी जो कि विपक्ष में है, उसके हिस्से में 82 सीटें हैं. अभी कि मौजूद स्थिति में कांग्रेस के अधिक विधायक हैं, जबकि अजित की बगावत से पहले एनसीपी की संख्या अधिक थी।