नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को चार राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ा था। बात राजस्थान और छत्तीगसढ़ की करें तो यहाँ से कांग्रेस की सरकार को जनता ने बाहर रास्ता दिखा दिया तो वही एमपी में भी कमलनाथ के सत्ता में वापसी के मंसूबो पर पानी फिर गया था। कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में बेहतर प्रदर्शन कर पाई।
विधानसभा चुनावों में हार के कड़वे अनुभव को भुलाकर कांग्रेस ने इसी साल होने वाले आम चुनाव (लोकसभा चुनाव) के लिए कमर कस ली हैं। यही वजह हैं कि कांग्रेस ने अलग-अलग कमेटियों का गठन कर नेताओं को उनकी जिम्मेदारियां बता दी हैं। इसी तरह कांग्रेस ने पिछले दिनों घोषणापत्र समिति का गठन भी किया था तो वही आज इस समिति की पहली बैठक देश की राजधानी दिल्ली होने जा रही है। इस बैठक में शामिल होने प्रदेश के पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव भी दिल्ली पहुँच चुके हैं। पार्टी ने उन्हें इस समिति का संयोजक बनाया था।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में सभी नेता आपसी विचार विमर्श के साथ पार्टी के आगे की रणनीति तय करेंगे। वे अपने घोषणापत्र में शामिल करने लायक मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे। पार्टी का दावा हैं कि मौजूदा केंद्र की सरकार से महिलायें और युवाओं के साथ सभी वर्ग परेशान है लिहाजा उनका घोषणा पत्र पूरी तरह आम आदमी की जरूरत, उनकी राहत और उनके सरोकारों से जुड़ा होगा। कांग्रेस के मेनिफेस्टो में महंगाई, बेरोजगारी जैसे समस्याओं से राहत की बात को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए जिस घोषणा पत्र समिति का गठन किया, उसकी अध्यक्षता पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम करेंगे। इसमें महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव को इस 16 सदस्यीय समिति का संयोजक बनाया गया है। इस समिति में चिदंबरम और सिंहदेव के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा एवं जयराम रमेश, वरिष्ठ नेता शशि थरूर, आनंद शर्मा, गैखनगम, गौरव गोगोई, प्रवीण चक्रवर्ती, इमरान प्रतापगढ़ी, के. राजू, ओमकार सिंह मरकाम , रंजीत रंजन, जिग्नेश मेवानी और गुरदीप सप्पल को शामिल किया गया है।
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