Alcoholism in Tamil Nadu: नई दिल्ली। भाजपा ने रविवार को द्रमुक शासित तमिलनाडु में जहरीली शराब त्रासदी को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों पर हमला बोला और कहा कि उसे उम्मीद है कि इस मुद्दे पर ‘‘चुप्पी’’ साधने वाले गठबंधन के नेता कम से कम संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एकत्र होकर जान गंवाने लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखकर पश्चाताप दिखाएंगे। यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की भी आलोचना की और उनसे यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या राज्य के कल्लाकुरिची जिले में हुई घटना में उनकी ‘‘संलिप्तता’’ है।
तमिलनाडु की घटना का जिक्र करते हुए पात्रा ने कहा, ‘‘56 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है…कई की हालत अभी भी गंभीर है। जहरीली शराब पीने से मरने वालों में 40 से अधिक दलित हैं। यह राज्य-प्रायोजित हत्या है और मुझे आश्चर्य है कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और सोनिया गांधी, द्रमुक के नेता और ‘इंडिया’ गठबंधन के दूसरे घटक दल इस पर चुप हैं।’’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि ‘इंडिया’ गठबंधन दलों के नेता इस मुद्दे पर चुप हैं क्योंकि इससे उन्हें राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा।
पात्रा ने कहा, ‘‘कल (सोमवार) जब संसद सत्र शुरू होगा, तो मुझे उम्मीद है कि ‘इंडी’ गठबंधन के नेता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास जाकर, अपनी बांहों पर काली पट्टियां बांधकर मौन धारण करेंगे और जहरीली शराब त्रासदी में लोगों की मौत पर पश्चाताप करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी अवैध शराब के खिलाफ थे। गांधी जी की प्रतिमा आपका इंतजार कर रही है, उनके सिद्धांत आपका इंतजार कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री स्टालिन पर निशाना साधते हुए पात्रा ने तमिलनाडु सरकार और द्रमुक नेताओं पर जहरीली शराब त्रासदी में संलिप्त होने का आरोप लगाया।
Alcoholism in Tamil Nadu: कुछ मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अपने पहले बयान में जिला कलेक्टर ने शुरू में इस बात से इनकार किया था कि लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। उन्हें ऐसा इसलिए करने को कहा गया क्योंकि अगले ही दिन विधानसभा सत्र शुरू होने वाला था।’’ उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर के इनकार के कारण, जिनके पास अवैध शराब का भंडार था, उन्होंने इसे पीना जारी रखा और अगले दिन 12 से अधिक लोगों की मौत हो गई। पात्रा ने कहा, ‘‘बेशक, (तमिलनाडु) सरकार इसमें शामिल है। मुख्यमंत्री के व्यवहार को देखिए। मैं हैरान हूं कि राज्य में इतनी बड़ी त्रासदी हुई है, फिर भी मुख्यमंत्री अनुपस्थित हैं। जब मैं यह प्रेसवार्ता करने आया हूं, तब तक मुख्यमंत्री मृतकों के शोकसंतप्त परिवार के सदस्यों से मिलने नहीं गए थे।’’