गुवाहाटी, 19 दिसंबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान जबरन राजभवन में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद अधिकारियों ने घटना की जांच के आदेश दिए।
बुधवार को विपक्षी दल ने मणिपुर में अशांति और अडाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों सहित कई मुद्दों के खिलाफ राजभवन तक विरोध मार्च निकाला था।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हाथापाई के दौरान ‘‘आंसू गैस के धुएं के कारण’’ 45 वर्षीय कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राज्यपाल का पद दलगत राजनीति से ऊपर है। कल (बुधवार) कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने पुलिस अवरोधक तोड़कर और आसपास के क्षेत्र में अराजकता पैदा कर जबरन राजभवन में घुसने का प्रयास किया। पुलिस एक प्राथमिकी दर्ज करेगी और वीडियो रिकॉर्डिंग की समीक्षा सहित घटना की गहन जांच करेगी।”
शर्मा ने कहा कि अब से राजभवन के निकट किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शनों के लिए एक निर्दिष्ट क्षेत्र पहले ही आवंटित किया जा चुका है।
विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन के लिए शहर के चचल इलाके में एक क्षेत्र को निर्दिष्ट स्थान के रूप में चिह्नित किया गया है।
इस बीच, कांग्रेस की राज्य इकाई के कानूनी प्रकोष्ठ के सदस्य मृदुल इस्लाम के शव को कामरूप जिले के गोरोइमारी इलाके में उनके घर के पास दफनाया गया।
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और कार्यकारी अध्यक्ष जाकिर हुसैन सिकदर, पार्टी सचिव मनोज चौहान, पार्टी विधायक नंदिता दास, रकीबुद्दीन अहमद, ए के राशिद आलम और नूरुल हुदा सहित कई पार्टी कार्यकर्ता वहां मौजूद थे।
इस्लाम के अंतिम संस्कार के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में गोरोइमारी में कांग्रेस कार्यालय के पास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला जलाया गया।
गुवाहाटी में भी राज्य पार्टी मुख्यालय ‘राजीव भवन’ के बाहर शाह का पुतला जलाया गया।
भाषा जितेंद्र शफीक
शफीक
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