देहरादून, 20 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर हाल में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह भीमराव आंबेडकर के संविधान में विश्वास नहीं रखती और महिलाओं पर अत्याचारों का समर्थन करती है।
यूसीसी के तहत सहवासी (लिव-इन) संबंधों के अनिवार्य पंजीकरण वाले प्रावधान को लेकर कांग्रेस के विरोध के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा सहवासी संबंध में रहने वाले युगलों की सुरक्षा के लिए किया गया है ।
कांग्रेस यूसीसी के इस प्रावधान का जोर-शोर से विरोध कर रही है और उसका मानना है कि यह लोगों के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है ।
कांग्रेस का यह भी कहना है कि यह प्रावधान सहवासी संबंध को मान्यता देता है जो प्रदेश की संस्कृति के खिलाफ है ।
धामी ने कहा कि सहवासी संबंधों का अनिवार्य पंजीकरण होने से इस बारे में युगलों के माता-पिता और प्रशासन को जानकारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि अनेक मामलों में संबंध बिगड़ जाते हैं और हिंसक घटनाएं, यहां तक कि हत्याएं भी हो जाती हैं।
कुछ वर्ष पहले दिल्ली में श्रद्धा वाल्कर नाम की महिला की उसके ‘लिव-इन’ पार्टनर आफताब द्वारा हत्या कर शव को टुकड़ों में काट कर फ्रिज में रखे जाने की घटना का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सहवासी संबंधों का अनिवार्य पंजीकरण और प्रशासन के पास इसकी सूचना होने से ऐसी घटनाओं से सुरक्षा हो सकेगी ।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस यूसीसी के बारे में ऐसे भ्रम इसलिए फैला रही है क्योंकि वह आंबेडकर के संविधान में विश्वास नहीं रखती और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों को संरक्षण देना चाहती है।”
धामी ने कहा कि यूसीसी के संबंध में एक और भ्रम फैलाया जा रहा है कि अगर उत्तराखंड के बाहर का रहने वाला कोई पुरूष यहां की लड़की से शादी कर लेता है तो उसे राज्य का मूल निवासी होने का अधिकार मिल जाएगा ।
उन्होंने कहा, “ये सब निराधार अफवाहें हैं जो लोगों को भ्रमित करने के लिए फैलायी जा रही हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी का मसौदा जनता के सभी वर्गों से व्यापक विचार-विमर्श और उनके सुझाव लेने के बाद तैयार किया गया था।
उन्होंने कहा कि मसौदा तैयार करने वाली समिति ने यूसीसी के विषय में चर्चा के लिए कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था।
धामी ने कहा कि उत्तराखंड को यूसीसी लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला प्रदेश बनाने का श्रेय यहां की जनता को जाता है ।
मुख्यमंत्री ने कहा, “वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले हमने लोगों से वादा किया था कि अगर हमारी सरकार दोबारा बनी तो यूसीसी लाएंगे। हमें चुनावों में ऐतिहासिक जनादेश मिला और हमने अपना वादा पूरा किया । हमने जो किया है, उसके लिए हमें राज्य के बाहर से भी बधाई संदेश मिल रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि हाल में संपन्न हुए शहरी निकायों के चुनावों में जनता ने कांग्रेस को एक बार फिर आइना दिखा दिया है जहां महापौर पद पर उसके सभी उम्मीदवार हार गए ।
धामी ने कहा, “कांग्रेस ने शहरी निकाय चुनावों को स्वयं ही 2027 विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल बताया था । जनता ने पार्टी को सेमीफाइनल से बाहर फेंक दिया है । कांग्रेस को संदेश मिल जाना चाहिए।”
भाषा दीप्ति नोमान
नोमान
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