नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने राज्यसभा में बाबा साहेब आंबेडकर पर दिए गए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर समाज में भ्रांति फैलाने की कोशिश की क्योंकि चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने संविधान निर्माता के बार-बार किए गए अपमानों पर विपक्षी पार्टी की पोल खोलकर रख दी थी।
शाह ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि वह सपने में भी संविधान निर्माता का अपमान नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पहले भी भ्रम फैलाने और लोगों को गुमराह करने के लिए उनकी और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों को गलत तरीके से पेश किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वह अत्यंत निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं।’’
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वीर सावरकर का भी अपमान किया और आपातकाल लगाकर संविधान में प्रदत्त मूल्यों पर पानी फेरा।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने सत्तय को तोडमरोड़ कर इसलिए पेश किया क्योंकि भाजपा नेता इस बारे में बोल रहे थे कि कैसे राजग सरकारों ने संविधान को बरकरार रखा और तथ्यों के साथ यह स्थापित कर दिया कि कांग्रेस आंबेडकर विरोधी, संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी है।
शाह ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया। सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब यह पूरा सत्य उजागर हो गया तो कल से कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को आजमाते हुए बातों को तोड़ मरोड़ कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहना कर समाज में भ्रांति फैलाने का प्रयास किया है।’’
शाह ने कहा कि वह उस पार्टी से आते हैं जो सपने में भी बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस पार्टी से आता हूं, उस संस्कृति से आता हूं… जो स्वप्न में भी बाबा साहेब के विचारों का या बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकती।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी इस मामले में कानून का भी दरवाजा खटखटाएगी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह इतना जरूर कह सकते हैं संसद के अंदर और संसद के बाहर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है, भाजपा उन सभी संभावनाओं को तलाशेगी।
उन्होंने कहा कि उनके भाषण का एक-एक शब्द तथ्यात्मक है और ‘इतिहास के गर्भ से बाहर’ आया हुआ है लेकिन कांग्रेस ने उसे संपादित करके गलत अर्थ निकालकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया।
शाह ने कहा कि पूरा देश जानता है कि संविधान को समावेशी बनाने में, दलितों, आदिवासियों, वंचितों, गरीबों को न्याय दिलाने में और लोकतंत्र की नींव को गहरा करने में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है और पूरा देश बाबा साहेब के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।
संवाददाता सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू सहित कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता उपस्थित थे।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र रंजन
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