उदयपुर : देश के विभिन्न राज्यों में मिल रही हार के बाद कांग्रेस पार्टी राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया। तीन दिन के इस चिंतन शिविर में तमाम बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। जिसके बाद आखिरी दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को संबोधित किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को पार्टी के नेताओं से जनता के बीच में जाने का आह्वान करते हुए कहा कि देश के लोगों के साथ पार्टी का संपर्क टूट गया है और उसे फिर से जोड़ना होगा। उन्होंने पार्टी के चिंतन शिविर के दौरान अपने संबोधन में यह भी कहा कि आगामी अक्टूबर महीने में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और उनके मुद्दों को समझेंगे। राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार में प्रदेशों और जनता को संवाद करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस संवाद का मंच प्रदान करती है जो भाजपा, आरएसएस और क्षेत्रीय पार्टियों में संभव नहीं है। राहुल गांधी ने युवाओं को पूरा मौका देने का आह्वान करते हुए है कि संगठन में अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन बनाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हमारे वरिष्ठ नेता हों, कनिष्ठ नेता हों या कार्यकर्ता हों, उन्हें जनता के बीच जाना चाहिए। जनता के साथ कांग्रेस का संपर्क टूट गया है, उसे स्वीकार करना होगा। उसे फिर से बनाना होगा। जनता समझती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है।’’
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा कि, ये एक परिवार है और मैं आपके परिवार का हूं। मेरी लड़ाई आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा है जो देश के सामने एक खतरा है, उससे मेरी लड़ाई है। ये लोग जो नफरत फैलाते हैं, हिंसा फैलाते हैं, इसके खिलाफ मैं लड़ता हूं और लड़ना चाहता हूं। ये मेरी जिंदगी की लड़ाई है। मैं इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि मेरे प्यारे देश में इतना क्रोध और हिंसा फैल सकती है। हमारे खिलाफ बड़ी शक्तियां हैं। ये मत सोचिए कि हम एक पार्टी से लड़ रहे हैं, हम हिंदुस्तान के हर इंस्टीट्यूशन से लड़ रहे हैं। हम देश के सबसे बड़े क्रोनी कैपिटलिस्ट्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये देश सच्चाई को मानता है, देश को समझ आ रहा है कि क्या हालत है।
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राहुल गांधी ने कहा कि, कभी-कभी हमारे सीनियर नेता डिप्रेशन में चले जाते हैं, क्योंकि लड़ाई आसान नहीं है। ये लड़ाई रीजनल पार्टी नहीं लड़ सकती है, क्योंकि ये विचारधारा की लड़ाई है। आरएसएस की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा से लड़ रही है। बीजेपी कांग्रेस की बात करती है, लेकिन रीजनल पार्टी की बात नहीं करेगी। क्योंकि वो जानते हैं कि रीजनल पार्टी की जगह है, लेकिन वो बीजेपी को नहीं हरा सकते हैं। क्योंकि उनके पास विचारधारा नहीं है। इसीलिए ये आसान लड़ाई नहीं है। ये देश के भविष्य की लड़ाई है और देश के बचाने की लड़ाई है। आने वाले समय में आपको दिखेगा कि हिंदुस्तान में आग लगेगी, जितना ये इंस्टीट्यूशंस को तोड़ेंगे, जितना ये धर्म और जातियों के बीच में संवाद को खत्म करेंगे, उतनी जोर से आग लगेगी। लेकिन कांग्रेस पार्टी का काम उस बातचीत को फिर से शुरू करने का है।
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चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक तरफ महंगाई है और दूसरी तरफ बेरोजगारी है। जीएसटी और नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है, लेकिन सरकार आंखें बंद कर बैठी है। भाजपा में किसी की बात नहीं सुनी जाती है। यहां सिर्फ दो लोग ही देश चलाना चाह रहे हैं। पार्टी के भीतर तानाशाही चरम पर है। बीजेपी में दलित नेताओं का सबसे ज्यादा अपमान होता है। राजनीतिक वर्ग और आम लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है। लोगों को खामोश करने के लिए पेगासस जैसे हथियार का इस्तेमाल किया जा रहा है।