पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों की दुर्दशा के प्रति उदासीन है केरल की वामपंथी सरकार : कांग्रेस |

पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों की दुर्दशा के प्रति उदासीन है केरल की वामपंथी सरकार : कांग्रेस

पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों की दुर्दशा के प्रति उदासीन है केरल की वामपंथी सरकार : कांग्रेस

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Modified Date: January 28, 2025 / 01:54 PM IST
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Published Date: January 28, 2025 1:54 pm IST

वायनाड, 28 जनवरी (भाषा) केरल में विपक्षी कांग्रेस ने वामपंथी सरकार पर राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की दुर्दशा के प्रति ‘उदासीन’ रहने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की सरकार से जंगली जानवरों के हमलों के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने और उन्हें रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का भी आग्रह किया।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया है।

उन्होंने यह आरोप राधा के परिवार से मिलने के बाद लगाए, जिसे पिछले सप्ताह यहां मनंतवाडी गांव में प्रियदर्शिनी एस्टेट में कॉफी बीन्स इकट्ठा करते समय बाघ ने हमला कर मार डाला था।

सतीशन ने कहा कि राज्य सरकार जंगली जानवरों को रिहायशी इलाकों में घुसने से रोकने के लिए पुराने या नए तरीकों को लागू नहीं कर रही है।

सतीशन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे अन्य राज्यों ने जंगली जानवरों को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर रखने के लिए नए तरीके लागू किए हैं। लेकिन, यह सरकार कुछ नहीं कर रही है। इसने राज्य की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया है। सरकार जनता की समस्याओं को लेकर उदासीन है।’’

केरल के संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सांसद बदलते समय के अनुसार वन्यजीव कानूनों में बदलाव के लिए जोरदार ढंग से संसद में अपनी आवाज उठाते रहे हैं।

विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘लेकिन, कुछ चीजें हैं जो राज्य सरकार कर सकती है, जैसे अधिक वन कर्मचारियों और चौकीदारों की नियुक्ति करना। उसे ऐसा करना ही होगा। उसे इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा और लोगों के मन में डर को दूर करने के लिए तत्काल उपाय लागू करने होंगे। राज्य और केंद्र सरकार दोनों पर दबाव डालने के लिए हम ‘मलयोरा समारा यात्रा’ निकाल रहे हैं।’’

यह यात्रा कांग्रेस द्वारा केरल के ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामने आने वाली समस्याओं को उजागर करने के लिए शुरू किया गया राज्यव्यापी अभियान है।

भाषा रवि कांत रवि कांत नरेश

नरेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)