न्यायमूर्ति वर्मा के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने संसद में गतिरोध का षड्यंत्र रचा:कांग्रेस |

न्यायमूर्ति वर्मा के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने संसद में गतिरोध का षड्यंत्र रचा:कांग्रेस

न्यायमूर्ति वर्मा के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने संसद में गतिरोध का षड्यंत्र रचा:कांग्रेस

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Modified Date: March 24, 2025 / 02:23 PM IST
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Published Date: March 24, 2025 2:23 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्याधीश यशवंत वर्मा के आवास से कथित तौर पर नकदी मिलने के मामले से ध्यान भटकाने के लिए कर्नाटक से संबंधित एक फर्जी मुद्दे और झूठ का सहारा लेकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करवाई।

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने संविधान में बदलाव या छेड़छाड़ की बात कभी नहीं की, लेकिन भाजपा ने संसद में गतिरोध पैदा करने के लिए झूठ का सहारा लेकर षड्यंत्र रचा ताकि न्यायमूर्ति वर्मा से जुड़े मामले की आंच उसके नेताओं तक नहीं पहुंचे।

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण और शिवकुमार के कथित बयान के मुद्दे को लेकर हंगामे के कारण सोमवार को दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा आज संसद को स्थगित कराने के लिए एक पूरी तरह से फर्जी मुद्दा लेकर आई, ताकि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आचरण से जुड़े गंभीर मुद्दे पर चर्चा न हो।’’

पार्टी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा और मोदी सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई को षड्यंत्रकारी तरीके से स्थगित करवाया गया। यह एक सरासर झूठ और प्रपंच के आधार पर किया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के घर से करोड़ो रुपये पकड़ा गया। उस आग के अंगारे सत्ताधारी लोगों तक पहुंचन लगे। इसलिए इस आग को बुझाने के लिए झूठ को आधार बनाकर दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कराई गई।

उन्होंने कहा कि डीके शिवकुमार ने खुद बयान दिया कि उन्होंने संविधान को बदलने की बात कभी नहीं की है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संसद परिसर में संवाददाताओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि उन्होंने (सत्तापक्ष ने) मन बना लिया है कि सदन की कार्यवाही नहीं चले। अब कई दिन हो गए हैं और वे हंगामा खड़ा करने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ ही लेते हैं।’’

कर्नाटक विधानसभा ने बीते शुक्रवार को विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कड़े विरोध के बीच सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित किया।

राज्य मंत्रिमंडल ने ‘कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता’ (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसके तहत दो करोड़ रुपये तक के (सिविल) कार्यों और एक करोड़ रुपये तक के माल/सेवा खरीद अनुबंध में मुसलमानों को चार प्रतिशत का आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

इस मुद्दे पर और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के एक बयान को लेकर सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में गतिरोध की स्थिति बनी रही।

भाषा हक हक नेत्रपाल संतोष

संतोष

 

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