नई दिल्ली: Compulsory Retirement: सरकारी नौकरी की आड़ में कुर्सी तोड़ने और भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। जी हां सरकार ने भ्रष्ट और कामचोर अफसरों को जबरन रिटायरमेंट देने की कार्रवाई तेज कर दी है और इस संबंध में सेवा विभाग ने सभी विभागों को निर्देश भी जारी कर दिया गया है। वहीं, ऐसे अधिकारियों की पहचान के लिए सरकार ने समिति गठन किया गया है।
Compulsory Retirement: सेवा विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश पहले से ही सेवा विभाग की वेबसाइट और http://dopt.gov.in पर उपलब्ध हैं। डीओपीडी (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग- भारत सरकार) ने इस विषय पर गत 27 जून एक ऑफिस ऑर्डर जारी किया है, जिसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों की आवधिक समीक्षा पर व्यापक निर्देश शामिल हैं।
जिसके तहत दिल्ली सरकार के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व विभागाध्यक्षों व निगमों, बोर्डों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकायों के प्रमुखों से अनुरोध किया गया है कि अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करने वाले डीएएस/स्टेनो कैडर अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में संलग्न प्रोफार्मा में विवरण प्रस्तुत करें, जो एफआर 56 के तहत आवधिक समीक्षा के संबंध में डीओपीटी द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अंतर्गत आते हैं।
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