नई दिल्ली: Communal Riots History in india बीते कुछ दिनों से देश के अलग-अलग राज्यों से सांप्रदायिक दंगों की खबरें सामने आ रही हैं। अक्सर देखा गया है कि त्योहारों और आयोजनों के दौरान ही दंगे सामने आते रहे हैं। बीते दिनों खरगोन, नई दिल्ली, हावड़ा, करौली में हिंसा हुई थी। वहीं, कल देर रात ईद से पहले राजस्थान के जोधपुर एक बार फिर दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए। हालांकि समय रहते पुलिस प्रशासन ने दोनों समुदाय को काबू कर लिया था। लेकिन पूरे शहर में इंटरनेट सेवा को अस्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, खरगोन में आज दिन भर कर्फ्यू लगा दिया गया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
Communal Riots History in india लेकिन अगर दंगों के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2022 मामले में अन्य वर्ष के मुकाबले दंगे कम हुए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार अगर हर साल दिल्ली में कुल दंगों के आंकड़ों को देखा जाए तो इसमें साल 2015 में 130 दंगे हुए थे। इसके बाद फिर साल 2016 में 79, साल 2017 में 50, साल 2018 में 23, साल 2019 में 23, साल 2020 में 689 और साल 2021 में 68 दंगे हुए थे।
वहीं, साल 2022 की बात करें तो इस वर्ष के पहले तिमाही में ज्यादातर सांप्रदायिक दंगे हुए, जिनमें राजस्थान के करौली, मध्यप्रदेश के खरगोन और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुए दंगे ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। ये सभी घटानाएं हिंदू नववर्ष रामनवमी और हनुमान जयंती के दिन हुए। ऐसे मामलों के प्रति शासन प्रशासन काफी सख्त दिखाई दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कोई इन घटनाओं को चुनावी समीकरण बता रहा है तो कोई इसे धर्म की राजनीति करार दे रहा है।
कल यानि सोमवार को राजस्थान के जोधपुर में हिंसा हुई, यहां कुछ असमाजिक तत्वों ने भगवा ध्वज को उतार कर हरे रंग का झंडा लगा दिया, जिससे विवाद की स्थिति पैदा हो गई और देखते ही देखते पथराव होने लगा। अक्षय तृतीया और ईद को लेकर हिंदू और मुस्लिम में तनाव पैदा हो गया। यह पूरा मामला जोधपुर के जालोरी गेट चौराहे की है।
हिंदू नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए निकाली गई मोटरसाइकिल रैली के दौरान हुए पथराव और उसके बाद आगजनी के बाद राजस्थान के करौली में रविवार को कर्फ्यू लगा रहा। मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और साथ ही जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है।
हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में भी जुलूस निकालने के दौरान पथराव की घटना सामने आई थी। इस घटना में कई लोग घायल हुए थे। वहीं, पुलिस ने इस घटना से जुड़े 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों में 2 (असलम और अंसार) को कोर्ट ने 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।
मध्य प्रदेश के खरगोन (MP Khargone) में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और लूटपाट का शिकार हुए परिवारों को राज्य सरकार ने राहत राशि दी है। इसको जब सांसद गजेंद्र पटेल के साथ डीएम अनुग्रहा देने पहुंचीं तो लोग उन पर भड़क उठे। एक युवक ने कहा,’मैडम, 3 घंटे पत्थर चले, आप कहां थीं’…? वहीं एक अन्य महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि हम घर पर नहीं थे, फिर भी नाम आ रहे हैं। ये शिकायतें सुनते हुए डीएम व सांसद आगे बढ़ गए।
बंगाल के हावड़ा से भी हिंसक झड़प की खबर है, जिले के शिवपुर इलाके में रामनवमी के जुलूस पर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने हमले का आरोप लगाया है। एक पुलिस सिपाही और अफसर पर भी हमले की बात कही जा रही है। इस हिंसा में कई लोग जख्मी हो गए। इस घटना पर सवाल उठाते हुए अधिकारी ने कहा कि क्या राज्य में सनातन धर्म पर प्रतिबंध लग गया है?
झारखंड में हिंसक घटनाओं के चलते लोगों के जुटने पर पाबंदियां लगाई गई हैं। राज्य के लोहरदगा में रविवार को दो समूहों के बीच झड़प के बाद धारा 144 लगा दी गई। एसडीएम अरविंद कुमार लाल ने कहा, ‘दो समूहों में झड़प और पत्थरबाजी की घटनाओं के चलते लोहरदगा के हिरही गांव में धारा 144 लगाई गई है।’
रामनवमी के मौके पर गुजरात के दो जिलों आणंद और साबरकांठा में बवाल हुआ। आणंद जिले के खंभात में रामनवमी के मौके पर निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान दूसरे गुट के लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ। उपद्रवियों ने हंगामा करते हुए इलाके के सरदार टावर के पास तीन दुकानों को आग के हवाले कर दिया। उधर, साबरकांठा जिले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की रामनवमी रैली पर दूसरे पक्ष के लोगों ने पथराव कर दिया। बताया जा रहा है कि VHP रामनवमी के मौके पर हिम्मतनगर के छापरीया इलाके में रामनवमी की यात्रा निकाल रही थी। इसी दौरान पथराव की वारदात को अंजाम दिया गया।
मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के अलावा दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी छात्र संगठनों के बीच हिंसक झड़प हुई है। लेफ्ट संगठनों और एबीवीपी ने एक-दूसरे पर उकसाने का आरोप लगाया है। लेफ्ट छात्रों का कहना है कि वह हॉस्टल में चिकन बना रहे थे और इसी दौरान उन पर अटैक हुआ। इसके अलावा एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह पूजा कर रहे थे और उसमें व्यवधान पैदा किया, जिसके चलते विवाद हो गया।
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