नई दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में चीन से हिंसक झड़प के बीच सेना ने एलएसी पर तैनात कमांडरों को मौके पर फैसला लेने के लिए खुली छूट दे दी है। चीन की ओर से एलएसी पर दोनों देशों के बीच तय समझौते को तोड़ने के बाद सेना ने ये फैसला किया है। अब कमांडर हथियारों के इस्तेमाल पर लगी रोक से बंधे नहीं रहेंगे और हालात के हिसाब से फ़ैसला ले सकेंगे। गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गे थे।
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सैन्य सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास के इलाक़े को नियंत्रण में लिए हुए है। वहीं गलवान घाटी में 15-16 जून की रात चीन और भारत के बीच जहां संघर्ष हुआ था वहां से दोनों ही सेनाएं हट चुकी हैं। अब गलवान घाटी में दोनों ही सेनाएं एलएसी के अपनी ओर ही हैं।
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एलएसी के क्या हैं समझौते
एलएसी के समझौतों के मुताबिक चीन-भारत दोनों देश यहां बंदूकों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अगर गन होंगे भी तो जवानों के पीछे पीठ पर रहेंगे। लेकिन चीन ने गलवान घाटी पर इन नियमों को तोड़ा है।
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एक अधिकारी के मुताबिक ‘कमांडर अब हथियार के उपयोग को लेकर प्रतिबंध से बाध्य नहीं होंगे और असाधारण स्थितियों से निपटने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग करते हुए उनके पास उसका जवाब देने का पूर्ण अधिकार होगा।’ 45 साल बाद गलवां घाटी में भारत-और चीनी सैनिकों के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद आरओई में संशोधन किया गया है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि सेना को सीमा पर आवश्यक कदम उठाने की स्वतंत्रता दी गई है और भारत ने कूटनीतिक माध्यम से अपनी स्थिति (चीन को) बता दी थी। दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘आरओई में बदलाव के बाद कुछ भी ऐसा नहीं है जो भारतीय कमांडरों की क्षमता को सीमित करे। अब वे एलएसी पर आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं। चीनी सैनिकों द्वारा अपनाई जाने वाली क्रूर रणनीति का जवाब देने के लिए आरओई में संशोधन किया गया है।
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एयरफोर्स माकूल जवाब देने को तैयार
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा करेंगे। हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य यह बताता है कि हमारे सशस्त्र बल हर समय तैयार और सतर्क रहते हैं। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर छोटी सी सूचना पर हम हालात को संभालने के लिए तैयार हैं।
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जवानों को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि यह बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि हम किसी भी आकस्मिकता का जवाब देने के लिए अच्छी तरह से तैयार और उपयुक्त रूप से तैनात हैं। मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि हम स्थिति से निपटने के लिए दृढ़ हैं और गलवान घाटी के बहादुरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे।