श्रीनगर, 20 दिसंबर (भाषा) कश्मीर में अत्यंत कड़ाके की ठंड की अवधि ‘चिल्लई कलां’ से एक दिन पहले घाटी में तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला गया और श्रीनगर में इस मौसम की अब तक की सबसे सर्द रात दर्ज की गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे से थोड़ा कम है।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को रात का तापमान इस मौसम में सामान्य से 4.2 डिग्री कम था।
उन्होंने बताया कि कड़ाके की ठंड के कारण कई इलाकों में जलापूर्ति लाइन और डल झील सहित कई जलाशय जम गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर और मैदानी इलाकों में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के कारण खांसी-जुकाम जैसी बीमारियां बढ़ गई हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के तापमान से कम है।
मौसम विभाग ने कहा कि स्कीइंग के लिए मशहूर पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया ।
मौसम विभाग ने बताया कि पंपोर शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोनीबल, घाटी का सबसे ठंडा इलाका रहा। यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने बताया कि काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.6 डिग्री सेल्सियस नीचे, उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में शून्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस नीचे और दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में शून्य से 5.8 डिग्री नीचे दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने 26 दिसंबर तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने का अनुमान जताया है तथा 21-22 दिसंबर की रात को घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है।
विभाग ने कहा कि 27 दिसंबर की रात से 28 दिसंबर की सुबह तक ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी भी संभव है।
विभाग ने कहा कि घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है तथा अगले कुछ दिनों में छिटपुट स्थानों पर शीत लहर चलेगी।
कश्मीर में सबसे कठोर 40 दिनों तक ठंड का दौर ‘चिल्लई-कलां’ शनिवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान में काफी गिरावट आती है।
‘चिल्लई-कलां’ अगले साल 31 जनवरी को समाप्त होगा। इसके बाद 20 दिन तक चलने वाली ‘चिल्लई-खुर्द’ में शीत लहर का दौर जारी रहेगा। ‘चिल्लई-खुर्द’ के बाद 10 दिन तक ‘चिल्लई-बच्चा’ का दौर रहता है।
भाषा सुरभि रंजन
रंजन
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