जगदलपुर । बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित भरोसे का सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पहले बस्तर में गोलियां चलती थी, आज नौजवानों के गीत गूंजते हैं। पहले बस्तर आने से लोग डरा करते थे। आज बस्तर में रोजगार और नवाचार दिख रहा है। वहीं कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि बस्तर की संस्कृति और छत्तीसगढ़ में हो रहे नवाचार की गूंज पूरी दुनिया में है। नेहरू जी और इंदिरा जी के दिल में बस्तर के लोगों के लिए विशेष सम्मान था। कार्यक्रम में उन्होंने धान खरीदी – लघु वनोपज के एमएसपी मॉडल और स्वास्थ्य मॉडल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की जमकर तारीफ की।
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‘भरोसे का सम्मेलन‘ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने प्रियंका गांधी की विशेष उपस्थिति में आदिवासियों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना‘ का शुभारंभ किया है। जिसके तहत अनुसूचित क्षेत्रों की ग्राम पंचायत को प्रतिवर्ष 10,000 रुपए की अनुदान राशि दो किस्तों में दी जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने इस योजना के अन्तर्गत 1840 ग्राम पंचायतों को 5-5 हजार रूपए की राशि प्रथम किस्त के रूप में वितरित की।
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मुख्यमंत्री बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि यहां पर आदिवासियों की जमीनें छीन ली गयी थी। देश में पहला उदाहरण था, जब हमने लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीनें वापस कराने का काम किया। विकास के रास्ते पर हम चल रहे हैं, बस्तर आगे बढ़ रहा है। योजनाओं का लाभ लोग ले रहे हैं। शिक्षा के माध्यम से फिर से बस्तर को आगे बढ़ाने का काम चल रहा है। इंदिरा गांधी आई थी, उन्होंने आदिवासियो को पट्टा दिया था। राहुल गांधी ने आदिवासियो को जमीन का पट्टा वापस दिलाया है। बस्तर के नौजवानों को रोजगार मिल रहा है।
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