CM Ashok Gehlot’s advisor targeted Sachin Pilot : जयपुर। राजस्थान के निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट को सलाह दी कि वह खुद को हंसी का पात्र न बनाएं और अपनी पार्टी की मर्यादा और अनुशासन में रहकर काम करें। इसके साथ ही लोढ़ा ने पायलट द्वारा हाल ही में उठाई गई मांगों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पायलट ‘‘नाखून कटवाकर शहीद होना चाहते हैं।’’ लोढ़ा ने पायलट की मांगों के बारे में सिरोही में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब नाखून कटवा कर आप शहीद बनना चाहते हैं। राजस्थान की जनता सबकुछ समझती है कि चुनावी वर्ष में आपको बेरोजगारों की याद क्यों आ रही है, पूर्ववर्ती सरकार के घोटालों की याद क्यों आ रही है ?’’
CM Ashok Gehlot’s advisor targeted Sachin Pilot : विधायक ने कहा, ‘‘… इसको भली भांति लोग समझ रहे हैं। तो (पायलट) अपने आपको हंसी का पात्र नहीं बनाएं और जिस पार्टी में हैं उस पार्टी के अनुशासन और मर्यादा में काम करें।’’ ,उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों का जिक्र पायलट कर रहे हैं, ‘‘उन्हें मैंने पूरे पांच साल उठाया लेकिन तब वह या उनकी टीम का कोई आदमी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ।’’ सिरोही विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने यह भी कहा कि पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि कोई भी इसे गंभीरता से नहीं लेता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई प्रभाव नहीं है इसका, कोई इसको गंभीरता से नहीं लेता और जो भी यह समूह दिख रहा है यह प्रायोजित समूह है। जो भी कदम उन्होंने उठाए हैं … राजनीति तो खुला मैदान है किसने रोका है आपको।’’
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CM Ashok Gehlot’s advisor targeted Sachin Pilot : उल्लेखनीय है कि पायलट ने अपनी पांच दिन की जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन पर सोमवार को जयपुर में आयोजित सभा में सरकार के सामने तीन मांग रखी जिनमें राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, परीक्षा पत्र लीक होने से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना शामिल है। पायलट और उनके गुट के विधायकों ने यह ताकत प्रदर्शन ऐसे समय में किया है जबकि राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और पायलट के हालिया कदमों को पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच लगातार खींचतान बनी हुई है।
लोढ़ा ने पिछली कई घटनाओं को लेकर पायलट पर तंज किया। उन्होंने कहा कि 2018 में सरकार बनने पर पायलट अपनी कार को विधानसभा में एक गेट विशेष पर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने पर नाराज हो गए थे और बाद में वह मुख्यमंत्री कार्यालय में ही अपने लिए कमरा आवंटित किए जाने पर अड़ गए। उन्होंने कहा, ‘‘उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बावजूद पायलट ने अपना सरकारी बंगला खाली नहीं किया है।’’