नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियां जमीनी हकीकत पर आधारित होनी चाहिए।
पर्यावरण राज्य मंत्री ने शनिवार को ‘भारत 2047: जलवायु के अनुकूल भविष्य का निर्माण’ संगोष्ठी के समापन सत्र में कहा कि गर्मी से राहत कार्यक्रम जैसे आपातकालीन उपाय महत्वपूर्ण हैं, लेकिन दीर्घकाल में स्थिति के अनुकूल ढलने के लिए बुनियादी ढांचे, नीति और वित्तपोषण में बदलाव की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों कदमों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के अनुकूल बनाने के लिए वित्तीय सहायता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कैरोलीन बकी ने कहा कि उन लोगों की पहचान करने के लिए अधिक विस्तृत डेटा की आवश्यकता है जिनके जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित होने का खतरा है। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी सटीक अनुमान के लिए समय पर जनगणना कराए जाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
भारत ने पिछली दशकीय जनगणना 2011 में की थी। अगली जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन इसे कोविड-19 महामारी के कारण टाल दिया गया।
पर्यावरण मंत्रालय में सचिव तन्मय कुमार ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल रणनीतियां समावेशी और समुदायों द्वारा संचालित होनी चाहिए तथा उनमें पारंपरिक ज्ञान और चलन का उपयोग किया जाना चाहिए।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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