प्रधान न्यायाधीश ने आईओए, एआईएफएफ से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग किया |

प्रधान न्यायाधीश ने आईओए, एआईएफएफ से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग किया

प्रधान न्यायाधीश ने आईओए, एआईएफएफ से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग किया

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Modified Date: January 6, 2025 / 12:30 PM IST
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Published Date: January 6, 2025 12:30 pm IST

नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने सोमवार को भारतीय ओलंपिक संघ और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के संविधानों को अंतिम रूप देने से संबंधित दो भिन्न याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। दोनों संविधानों को उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एल नागेश्वर राव ने तैयार किया था।

कार्यवाही की शुरुआत में प्रधान न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि वह इन मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ का हिस्सा नहीं होंगे, क्योंकि उन्होंने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में इनमें से एक याचिका की सुनवाई की थी। पीठ में न्यायमूर्ति संजय कुमार भी शामिल थे।

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘‘याचिकाओं को 10 फरवरी को न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली दूसरी पीठ के समक्ष आने दें। मुझे स्मरण है कि मैंने दिल्ली उच्च न्यायालय में इस पर सुनवाई की थी।’’

इन याचिकाओं पर आखिरी बार 19 मार्च, 2024 को तत्कालीन सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की थी।

उसके बाद पीठ ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को न्यायमूर्ति राव द्वारा प्रस्तावित संविधान मसौदे पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने की अनुमति दी थी।

पीठ ने यह भी कहा था कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और एआईएफएफ के संविधानों के बारे में उठाए गए मुद्दों पर फैसला करेगी।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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