सिपला को मॉडर्ना के कोविड टीके के भारत में आपात उपयोग के लिए मिली डीसीजीआई की मंजूरी | Cipla gets DCGI approval for emergency use of Moderna's Covid vaccine in India

सिपला को मॉडर्ना के कोविड टीके के भारत में आपात उपयोग के लिए मिली डीसीजीआई की मंजूरी

सिपला को मॉडर्ना के कोविड टीके के भारत में आपात उपयोग के लिए मिली डीसीजीआई की मंजूरी

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 PM IST
,
Published Date: June 29, 2021 10:30 am IST

(पायल बनर्जी)

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मुंबई की औषधि कंपनी सिपला को आपात उपयोग के लिए मॉडर्ना के कोविड-19 टीके के आयात की अनुमति दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक के बाद मॉडर्ना का टीका भारत में उपलब्ध होने वाला कोविड-19 का चौथा टीका होगा।

एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘डीसीजीआई ने ड्रग्स ऐंड कॉस्मेटिक्स एक्ट,1940 के तहत नयी औषधि एवं क्लिनिकल परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के मुताबिक सिपला को देश में सीमित आपात उपयोग के लिए मॉडर्ना के कोविड-19 टीके का आयात करने की अनुमति दे दी है। ’’

मॉडर्ना ने एक पत्र में 27 जून को डीसीजीआई को सूचना दी कि अमेरिकी सरकार यहां उपयोग के लिए कोविड-19 के अपने टीके की एक विशेष संख्या में खुराक ‘कोवैक्स’ के जरिए भारत सरकार को दान में देने के लिए सहमत हो गई है। साथ ही, उसने इसके लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मांगी है।

सिपला ने सोमवार को अमरिकी फार्मा कंपनी की ओर से इन टीकों के आयात और विपणन का अधिकार देने के लिए औषधि नियामक से अनुरोध किया था।

उल्लेखनीय है कि कोवैक्स कोविड-19 के टीके के न्यायसंगत वितरण के लिए एक वैश्विक पहल है।

एक अधिकारी ने कहा कि आपात परिस्थितियों में सीमित उपयोग के लिए यह अनुमति जनहित में है। कंपनी को टीकाकरण कार्यक्रम के लिए टीके का इस्तेमाल शुरू करने से पहले प्रथम 100 लाभार्थियों में किये गये टीके का सुरक्षा आकलन सौंपना होगा।

सिपला ने सोमवार को एक आवेदन देकर इस टीके के आयात की अनुमति मांगी थी। उसने 15 अप्रैल और एक जून के डीसीजीआई नोटिस का हवाला दिया था।

नोटिस में कहा गया था कि यदि टीके को आपात उपयोग अधिकार (ईयूए) के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) द्वारा अनुमति दी जाती है, तो टीके को बिना ‘ब्रिजिंग ट्रायल’ के विपणन का अधिकार दिया जा सकता है।

इसके अलावा, हर खेप को केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल), कसैली से जांच कराने की जरूरत की छूट मिल सकती है।

भाषा

सुभाष दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers