नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने एक अहम फैसले पर मोदी सरकार को निर्देश जारी किया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वालों के नाम सार्वजनिक करें। साथ ही उन दानदाताओं के नाम भी बताने होंगे जो गुप्त चंदा पार्टी को दिए हैं।
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बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरुआत की थी। जिसमें राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने की सरकार की कोशिश थी। इसकी शुरुआत करते हुए सरकार ने यह व्यवस्था दी थी कि कोई भी डोनर अपनी पहचान छुपाते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से एक करोड़ रुपए तक मूल्य के इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीद कर अपनी पसंद के राजनीतिक दल को चंदे के रूप में दे सकता है।
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इसमें टैक्स से छूट मिलने के साथ उनके नाम भी गुप्त रखने का नियम है। बात दें कि सरकार के इस निर्णय पर विपक्ष ने विवाद किया था। वहीं आरटीआई के तहत डाली गई एक अपील को लेकर लापरवाही बरतने के मामले में सीआईसी ने अब वित्त मामलों से संबंधित विभाग, रेवेन्यू विभाग और चुनाव आयोग को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। सीआईसी ने पूछा है कि आरटीआई के तहत जानकारी मांग रहे अपीलकर्ता को अधूरी जानकारी देने और उन्हें भटकाने के लिए आखिर क्यों नहीं आप पर जुर्माना लगाया जाए?
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