नोएडा (उप्र), पांच जुलाई (भाषा) जासूसी के आरोप में पकड़े गए दो चीनी नागरिकों को नोएडा में शरण देने के आरोप में गिरफ्तार कारोबारी रवि नटवरलाल को स्थानीय अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
नटवरलाल तथा उसके साथी पुष्पेंद्र की पांच दिन की रिमांड पूरी होने के बाद विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने सोमवार को दोनों को अदालत में पेश कर पांच और दिन की हिरासत का अनुरोध किया था। अदालत ने पुष्पेंद्र को जेल भेजने और नटवर लाल को एसटीएफ को तीन दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
एसटीएफ के निरीक्षक सचिन कुमार ने अदालत को बताया कि अभी और साक्ष्य जुटाने हैं, जिसके लिए आरोपियों को दिल्ली, पानीपत, गुरुग्राम, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) आदि स्थानों पर लेकर जाना है। अदालत में रवि नटवरलाल की ओर से वकील के. के. भाटी और पुष्पेंद्र की ओर से वकील ओपिंद्र भाटी भी अदालत में पेश हुए।
एसटीएफ के जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने अवैध कारोबार में लिप्त होने की बात कबूल की है और उनकी निशानदेही पर काफी साक्ष्य एवं सामान बरामद हुए हैं। इनमें कसीनो के टोकन भी शामिल हैं। अभी आरोपियों से इस संबंध में और पूछताछ की आवश्यकता है, जिसमें कम से कम पांच दिन का समय चाहिए।
अदालत ने दलीलें सुनने के बाद नटवर लाल की तीन दिन की रिमांड मंजूर की और पुष्पेंद्र को जेल भेजने के आदेश दिए। भाटी ने बताया कि नटवर लाल की रिमांड मंजूर होने के कारण अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली है। वहीं, नियमित जमानत याचिका पर बहस रिमांड पूरी होने के बाद की जाएगी।
ग्रेटर नोएडा में रहे चीनी नागरिकों की नेपाल सीमा और गुरुग्राम से गिरफ्तारी के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। नटवरलाल से पूछताछ में पता चला है कि आरोपी भारत से मोबाइल फोन स्क्रैप खरीदकर उनके पुर्जे (रैम आदि) चीन भेज देते थे। आशंका है कि इससे लाखों भारतीयों का डाटा चीन भेजा जा चुका है जिससे न केवल जासूसी, बल्कि देश की सुरक्षा में सेंध एवं साइबर धोखाधड़ी का भी खतरा बढ़ गया है।
एसटीएफ को जांच के दौरान पता चला कि गुजरात निवासी रवि नटवरलाल वर्ष 2012 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने चीन गया था। आरोपी वहां कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में आ गया और एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने से कुछ समय पहले भारत लौट आया। इसके बाद चीन के संदिग्ध नागरिकों के संपर्क में आकर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि नटवरलाल ने सबसे पहले गुजरात में ही चीन की एक इलेक्ट्रोनिक कंपनी से जुड़कर काम किया। बाद में वह नोएडा आ गया और दो कंपनियों की आड़ में नौ कंपनियां बनाकर लाखों की लेनदेन एवं खरीद-फरोख्त करने लगा। जांच में सामने आया है कि रवि नटवरलाल की कंपनियों के माध्यम से ही मोबाइल स्क्रैप आदि की खरीद-फरोख्त की गई है।
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि नटवरलाल और यहां रहने वाले चीनी नागरिक दिल्ली के सोनू नामक कबाड़ कारोबारी और पानीपत के एक अन्य कबाड़ कारोबारी के संपर्क में थे। पूछताछ में पता चला है कि ये खराब मोबाइल से ऐसे पुर्जे निकालते थे, जिनसे लोगों का डाटा चोरी किया जा सके।
भाषा सं सुरभि
सुरभि
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