नई दिल्ली। भारतीय सीमाओं पर चीन अपनी नापाक मंसूबों को कामयाब करने की कवायद में जुटा है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पैंगोंग त्सो झील और गलवान घाटी के आसपास के क्षेत्रों में तेजी से अपनी सेना बढ़ा रहा है। इससे साफ संकेत है कि वह भारतीय सेना के साथ अपने टकराव को खत्म करने को तैयार नहीं था।
पढ़ें- प्रवासियों पर राहुल ने जारी किया डॉक्यूमेंट्री, भावुक हुई महिला बोलीं- हम भूख…
सैन्य सूत्रों के मुताबिक चीन गलवान घाटी में अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा दी है। भारतीय सैनिकों के कड़े विरोध के बावजूद पिछले दो सप्ताह में चीन की फौज ने करीब 100 टेंट लगाए हैं। बंकरों के संभावित निर्माण के लिए मशीनरी लाई गई है। बढ़ते तनाव के बीच, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने ने शुक्रवार को लेह में 14वीं कोर के मुख्यालय का दौरा किया और शीर्ष कमांडरों के साथ इस क्षेत्र में समग्र सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की।
पढ़ें- मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिए संकेत, अगस्त से पहले शुरू कर सकते हैं…
वहीं भारतीय सेना भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पैंगोंग त्सो झील और गलवान घाटी चीन के मुकाबले अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रही है। उल्लेखनीय है गत पांच मई की शाम लगभग 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच मारपीट के बाद पूर्वी लद्दाख के इस हिस्से में स्थिति बिगड़ गई।
पढ़ें- देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 6,654 नए मामले सामने आए, 137 ने …
इस घटना में दोनों पक्षों के 100 जवान घायल हुए थे। पैंगोंग त्सो में हुई घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में नाकुला पास में भी इसी तरह की घटना हुई थी।