भूस्खलन प्रभावित वायनाड के बच्चों ने फिर से स्कूल जाना शुरू किया |

भूस्खलन प्रभावित वायनाड के बच्चों ने फिर से स्कूल जाना शुरू किया

भूस्खलन प्रभावित वायनाड के बच्चों ने फिर से स्कूल जाना शुरू किया

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Modified Date: September 3, 2024 / 04:33 PM IST
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Published Date: September 3, 2024 4:33 pm IST

वायनाड (केरल), तीन सितंबर (भाषा) भूस्खलन से जुड़ी पुरानी भयावह यादों को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने जब स्कूल की नयी पोशाक पहनकर विद्यालय के परिसर में प्रवेश किया और कई सप्ताह बाद वे जब अपने पुराने सहपाठियों से फिर मिले तो लगा कि जीवन ने ताजगी की एक नयी मुस्कुराहट ली है।

सोमवार सुबह जब सरकार द्वारा संचालित सरकारी बस इन बच्चों को चूरलमाला शहर से निकटवर्ती मेप्पाडी तक ले जाने के लिए आयी तो लगा मानों यह बस उनके जीवन में एक सतरंगी उजाला लेकर आयी है। बस के वहां पहुंचने पर बच्चों ने उत्साह में तालियां बजाकर उसका स्वागत किया और जब बस चूरलमाला शहर की घुमावदार पहाड़ी सड़कों से गुजर रही थी तो बच्चे खुशी में अपने पसंदीदा गीत गुनगुना रहे थे।

वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांवों के ये बच्चे 30 दिन बाद अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने के लिए बस में सवार हुए थे। इस भीषण प्राकृतिक आपदा ने उनके जीवन को मानों झकझोर कर रख दिया था। आपदा के कारण कई बच्चों को न केवल पठन-पाठन की अपनी सारी सामग्री गंवानी पड़ी बल्कि कुछ तो अपने घरों, अपने परिजनों एवं सहपाठियों से भी वंचित हो गये।

तीस जुलाई को आयी इस विकट आपदा में क्षेत्र के दो सरकारी स्कूलों मुण्डक्कई जीएलपीएस और वेल्लारमाला जीवीएचएसएस को भारी नुकसान हुआ तथा वहां पढ़ने वाले कई बच्चों की जान भी चली गई थी।

भूस्खलन के पहाड़ी जिले के अंदरूनी इलाकों में हुई भारी तबाही के एक महीने बाद केरल सरकार ने सामान्य शिक्षा विभाग की देखरेख में ऐसे प्रबंध किए जिससे बचे हुए बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू हो सके।

उनके लिए सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और निकटवर्ती मेप्पाडी के पंचायत सामुदायिक भवन में अस्थायी कक्षाएं स्थापित की गईं।

मुंडक्कई और वेल्लारमाला स्कूलों के 600 से अधिक बच्चों ने सोमवार को रंगारंग समारोहों और उत्सवों के बीच अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की।

कई बच्चों ने पूरे मनोयोग से पढ़ाई करने और इस अप्रत्याशित त्रासदी के सदमे से उबरने की इच्छा व्यक्त की।

इन बसों में से एक में छठी कक्षा का छात्र मोहम्मद शाहिद अपने दोस्तों के साथ खुशी से बैठा हुआ दिखाई दिया।

उसने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैं अच्छी तरह से पढ़ाई करना चाहता हूं। पढ़ाई दोबारा शुरू करते समय मेरी यही उम्मीद है।’

एक अन्य छात्रा अहिल्या ने भी पढ़ाई फिर से शुरू होने की खुशी साझा की, लेकिन नौवीं कक्षा के छात्र अजमल ने कहा कि उसे नहीं पता कि वह इस समय खुश है या नहीं।

उसने कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या मैं अब खुश हूं, तो मैं खुश नहीं हूं।’ इतना कहकर वह खिड़की से बाहर देखने लगा।

एक अभिभावक ने कहा कि भले ही उनका इलाका छोटा है, लेकिन उन्हें किसी भी चीज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

उन्होंने कहा, ‘यहां स्कूल, बैंक से लेकर डाकघर तक सब कुछ मौजूद है… यह पहली बार है कि ये बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए बाहर जा रहे हैं। उन्हें नई परिस्थितियों के अनुकूल ढलने दें और आगे बढ़ने दें।’

वेल्लारमाला और मुंदक्कई के बच्चों का सोमवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित मेप्पाडी में स्वागत किया गया।

सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी, उनके कैबिनेट सहयोगियों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने उन्हें मिठाई खिलाकर नयी कक्षाओं में पहुंचाया।

अस्थायी कक्षाओं में सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिनमें नया फर्नीचर और अन्य अध्ययन सामग्री शामिल थी। कक्षाओं में बच्चों के मन में खुशी और सकारात्मकता लाने के लिए सुंदर चित्र बनाए गए थे।

मंत्री शिवनकुट्टी ने ‘पुनप्रवेशोत्सव’ (पुनः उद्घाटन समारोह) का उद्घाटन करते हुए बच्चों से ठीक से पढ़ाई करने और जीवन में आगे बढ़ने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि पूरा राज्य उनका साथ के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि एक भी प्रभावित बच्चे की शिक्षा बाधित न हो। हम सामान्य स्थिति बहाल करने और बचे लोगों के वास्ते उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हैं।’

वायनाड के मुंदक्कई और चूरालामाला क्षेत्रों में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ जिससे दोनों क्षेत्र लगभग तबाह हो गए तथा 200 से अधिक लोग मारे गए और एवं अनेक घायल हो गए थे।

भाषा

शुभम माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)