एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू चार दशक की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए

एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू चार दशक की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए

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  • Publish Date - April 30, 2025 / 06:11 PM IST,
    Updated On - April 30, 2025 / 06:11 PM IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख (सीआईएससी) लेफ्टिनेंट जनरल जे पी मैथ्यू बुधवार को लगभग चार दशक की सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि अपनी सेवानिवृत्ति के दिन उन्होंने यहां राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी। उन्हें ‘साउथ ब्लॉक लॉन’ में सेना के तीनों अंगों की ओर से औपचारिक सलामी गारद दी गई।

एकीकृत रक्षा स्टाफ के मुख्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जे पी मैथ्यू चार दशकों से अधिक के शानदार सैन्य करियर के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए, जिसमें मुख्यालय, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख के रूप में दो साल का बेहद प्रभावशाली कार्यकाल भी शामिल है।’’

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू अप्रैल 2023 से सीआईएससी का कार्यभार संभाल रहे थे, जिसने सेना के तीनों अंगों के बीच ‘‘एकजुटता और तालमेल को बढ़ावा दिया है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल जे पी मैथ्यू का लगभग चार दशक की सेवा का कार्यकाल 30 अप्रैल को खत्म हो रहा है।

मंत्रालय ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू ने रक्षा साइबर एजेंसी और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के विस्तार में ‘‘महत्वपूर्ण योगदान’’ दिया, ताकि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ‘‘विश्वसनीय क्षमता’’ हासिल की जा सके।

बयान में कहा गया कि लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू ने भारतीय रक्षा उद्योग और शिक्षा जगत के साथ गहन सहयोग को भी प्रोत्साहित किया, जो सरकार के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण को दर्शाता है।

‘डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट’, सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाने और पाठ्यक्रम की समीक्षा करने से लेकर महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने तक, उन्होंने सशस्त्र बलों में विविधता और समावेश को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

दिसंबर 1985 में पंजाब रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू नौ जनवरी, 2022 को रेजिमेंट कर्नल बने। उनकी शानदार सेवाओं के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

भाषा आशीष माधव

माधव