Chhawla Rape Case: दिल्ली के छावला रेप केस में 10 साल बाद तीनों दोषियों को बड़ी राहत देते हुए कोर्ट ने रिहा कर दिया है। उनकी रिहाई को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। अगर तीनों दोषी रिहा हो गए तो छावला की ‘निर्भया’ के साथ हैवानियत को किसने अंजाम दिया था? निर्भया कांड के बाद देश में यह दूसरी ऐसी घटना थी, जिसमें एक लड़की के साथ इस कदर दरिंदगी की गई थी, जिसे सुनकर किसी भी इंसान का कलेजा फट जाए। इस कहानी को सुनकर आप का कलेजा फट सकता है।
काम पर जाने के लिए रोशनी घर से तो सही वक्त पर निकली थी। लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके घरवालों को चिंता सताने लगी। परिजन उसकी तलाश में जुट गए। उन्होंने उसे कई जगह तलाश किया। जहां वो काम करती थी, वहां भी पता किया। लेकिन रोशनी की कोई खबर घरवालों को नहीं मिली। काफी खोजबीन करने के दौरान उन्हें इतना ज़रूर पता चला कि कुछ अज्ञात बदमाश जबरन एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर की तरफ जाते हुए देखे गए हैं।
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रोशनी के घरवालों को किसी अनहोनी की आशंका सता रही थी। उसके पिता एक मामूली गार्ड की नौकरी करते थे। वो बेटी को लेकर बेहद परेशान थे। इसके बाद उन लोगों ने दिल्ली पुलिस से मदद लेने का फैसला किया। पुलिस को फोन किया गया तो करीब घंटेभर से ज्यादा की देरी से पुलिस मौके पर पहुंची। जहां पीड़ित परिवार ने पुलिस को सारी घटना के बारे में बताया। लेकिन उस वक्त वे हैरान रह गए जब दिल्ली पुलिस के कारिंदों ने उनसे कहा कि संदिग्ध बदमाशों को ढूंढ़ने के लिए उनके पास गाड़ी उपलब्ध नहीं है।
9 फरवरी 2012 की शाम को छावला की रहने वाली 19 साल की रोमानी (बदला हुआ नाम) अपने कुछ दोस्तों के साथ गुड़गांव से काम खत्म कर बस से घर वापस लौट रही थी। उसे अंदाजा भी नहीं था कि आगे एक अनहोनी उसका शिद्दत से उसका इंतजार कर रही थी। कुछ देर बाद वो बस से उतरी और तेज़ कदमों से घर की तरफ पैदल ही चलने लगी। तभी पीछे से एक लाल रंग की इंडिका कार ने उसका रास्ता रोक लिया। कार में सवार तीन बदमाशों रोमानी को जबरन पकड़कर कार में खींच लिया और उसे अगवा कर अपने साथ ले गए। बदमाश अंदरुनी रास्तों से होते हुए दिल्ली से हरियाणा जा पहुंचे। तीनों आरोपी वहीं के रहने वाले थे उन्हें कई दूसरे रास्तों का पता था। वहां पहुंचकर सबसे पहले तीनों ने एक दारु के ठेके से शराब खरीदी और फिर कार को एक सुनसान जगह पर ले जाकर शराब पीते हुए रोशनी के साथ दरिंदगी करने लगे।
उन्होंने पहले उसके कपड़े फाड़ दिए और फिर बारी-बारी से उसके साथ तीनों ने बलात्कार किया। तीनों दरिंदों ने उस लड़की के जिस्म को नोंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसके जिस्म को कई जगह से दातों से काटा गया। वो दरिंदों से रहम की भीख मांगती रही, लेकिन उन पर हवस का ऐसा भूत सवार था कि वो तीनों सुनने के तैयार नहीं थे। एक तरफ दारु का नशा और दूसरी तरफ हवस का भूत। तीनों लड़के हैवान बन गए थे।
दरिंदगी की यह दास्तान यहीं खत्म नहीं होती। पीड़िता रोशनी रेप से बदहवास हो चुकी थी। वो दरिंदों से पीने के लिए पानी मांग रही थी, तो पहले तो तीनों उसे कहीं से लाकर पानी पिलाया लेकिन इसके बाद उनमें से एक आरोपी ने लड़की को मार डालने का आइडिया दिया। इसके बाद तीनों की हैवानियत फिर से जाग उठी। आरोपियों ने उस लड़की को जिस घड़े से पानी पिलाया था, सबसे पहले वही घड़ा उठा कर उसके सिर पर दे मारा।
इसके बाद तीनों ने रोशनी के साथ जो कुछ किया, उसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। तीनों में से एक आरोपी मुड़ा और गाड़ी से लोहे का पाना और जैक निकालकर लाया। इन्हीं औजारों से उन्होंने रोशनी के सिर पर कई ज़ोरदार वार किए। पहले ही वार से वो जमीन पर गिर कर तड़पने लगी लेकिन उन दरिदों को उस पर रहम नहीं आया। उन्होंने एक के बाद एक उस लड़की पर ना सिर्फ कई वार किए, बल्कि उसकी पहचान छुपाने का तरीका भी सोच लिया। खुद आरोपियों का कुबूलनामा यह कहता है कि उन्होंने तसल्ली के लिए कई वार तो उस पर उसकी मौत के बाद भी किए थे और फिर लाश को मौके पर ही छोड़ कर भाग निकले थे।