Global Space Conference 2024: स्पेस वर्ल्ड में भारत की एक और बड़ी उपलब्धि.. विश्व अंतरिक्ष सम्मान से नवाजा जाएगा हमारा चंद्रयान-3..

महासंघ ने बीते गुरुवार को कहा, 'इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मिशन वैज्ञानिक जिज्ञासा और लागत प्रभावी इंजीनियरिंग के तालमेल का उदाहरण है। यह उत्कृष्टता के लिए भारत की प्रतिबद्धता और अंतरिक्ष अन्वेषण द्वारा मानवता को प्रदान की जाने वाली विशाल क्षमता का प्रतीक है।

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  • Publish Date - July 21, 2024 / 09:57 PM IST,
    Updated On - July 21, 2024 / 09:57 PM IST

नई दिल्ली: 14 जुलाई 2023 चंद्रयान-3 लॉन्च हुआ था। चंद्रयान-3 ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। इस सफलता को लेकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष महासंघ द्वारा विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भारत के अलावा अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उपलब्धि हासिल की है।

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Chandrayaan-3 nominated for World Space Honor

14 अक्टूबर को पुरस्कार समारोह का आयोजन इटली के मिलान में 75वें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त 2023 को सफल लैंडिंग की थी। इसके करीब 1 साल बाद उसे ये उपलब्धि हासिल होने वाली है।

चंद्रयान 3 ने किया नाम रोशन

महासंघ ने बीते गुरुवार को कहा, ‘इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मिशन वैज्ञानिक जिज्ञासा और लागत प्रभावी इंजीनियरिंग के तालमेल का उदाहरण है। यह उत्कृष्टता के लिए भारत की प्रतिबद्धता और अंतरिक्ष अन्वेषण द्वारा मानवता को प्रदान की जाने वाली विशाल क्षमता का प्रतीक है। चंद्रमा की संरचना और भूविज्ञान के पहले से अनदेखे पहलुओं को तेजी से उजागर करते हुए यह मिशन नवाचार के लिए एक वैश्विक वसीयतनामा है’

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विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार से सम्मानित

चंद्रयान-3 की कई उपलब्धियों में से एक भारत के अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्रों का सफल समन्वय था। इसमें मिशन का प्रणादोन मॉड्यूल परमाणु प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित था। चंद्रयान-3 लैंडिंग की पहली सालगिरह को चिह्नित करने के लिए देश भर में कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।बता दें कि इस सम्मान से पहले भी भारत की चंद्रयान-3 मिशन टीम को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रतिष्ठित 2024 जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार मिल चुका है।

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